Rajya Sabha

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी को लेकर आज राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसकी वजह से सदन की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सदन में आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने को कहा, कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात में सिंह के खिलाफ की गई टिप्पणी का मुद्दा उठाया और उनसे स्पष्टीकरण की मांग की।

प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा ‘‘विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अगर हम यहां जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठा सकते तो हमारे यहां आने का मतलब ही क्या है ?’’ आजाद ने कहा ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप लगाये गये हैं जो कि इस सदन के सदस्य हैं। प्रधानमंत्री को सदन में आ कर स्पष्टीकरण देना चाहिए और माफी मांगना चाहिए।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मोदी का नाम लिए बिना कहा ‘‘आप क्या वोट की खातिर कोई भी आरोप लगा देंगे ? आप देश के प्रति जवाबदेह हैं। आपको आरोप साबित करना चाहिए।’’ उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने आजाद की बात का समर्थन किया और आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। हंगामे की वजह से उप सभापति पी जे कुरियन ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले बैठक शुरू होने पर कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी बीच, कांग्रेस के सदस्य और कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत सदन का कामकाज स्थगित करने के लिए नोटिस दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री पर लगाए गए आरोपों को गंभीर बताते हुए आजाद ने मांग की कि सदन की भावना को देखते हुए इस मुद्दे पर सदन में एक प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उप सभापति ने कहा कि आसन को शर्मा की ओर से, सपा के नरेश अग्रवाल की ओर से और तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं लेकिन सभापति ने इन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया है। कुरियन ने कहा कि अगर सदस्य कोई मुद्दा उठाना चाहते हैं तो वे शून्यकाल के तहत निर्धारित तीन मिनट की अवधि में अपने मुद्दे उठा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सदस्य इस व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं तो वे सभापति से इस बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं। इस पर विपक्षी सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की। आजाद ने कहा कि हर दिन नोटिस खारिज किए जा रहे हैं जो स्वीकार्य नहीं है।

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