जयपुर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि जीवन में माँ, जन्मभूमि, मातृभाषा, मातृदेश और गुरु पाँच विषयों पर ध्यान रखने की आवश्यकता है । जीवन में यह सभी आगे बढ़ाने में मददगार होते हैं। नायडू बुधवार को यहां सायपुरा (सांगानेर) स्थित होम्योपैथी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2009 -10 में स्थापित यह विश्वविद्यालय होम्योपैथी शिक्षा और शोध में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरा है।
होम्योपैथी में बैचलर डिग्री के अलावा, होम्योपैथी, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, बायो-कैमिस्ट्री, फार्मेसी और नर्सिंग कोर्स में एमडी और पीएचडी कार्यक्रम भी चल रहे हैं।विश्व विद्यालय में एलोपैथी डॉक्टरों के लिए होम्योपैथी में सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि आज देश में 2.8 लाख होम्योपैथी डॉक्टर हैं। आम बीमारियों और बीमारियों के लिए होम्योपैथी उपचार की मांग के अलावा, इसे निवारक और उपचारात्मक देखभाल के लिए अपनाया जा रहा है। होम्योपैथी को मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य जीवनशैली संबंधी बीमारियों की स्क्रीनिंग और रोकथाम में भी एकीकृत किया गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोग किफायती स्वास्थ्य देखभाल की तलाश में हैं और होम्योपैथी निश्चित रूप से दवा की वैकल्पिक प्रणाली के रूप में है। उपचारात्मक होम्योपैथी उपचार के लिए बहुत अधिक गुंजाइश है जहां कोई आधुनिक, नैदानिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अपने प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होम्योपैथी उपचार शुरू किया है। होम्योपैथी उपचार केंद्र सरकार आयुष औषधि के 30 प्रतिशत क्लीनिक में उपलब्ध है।
दीक्षांत समारोह मेें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री काली चरण सराफ ने कहा कि विश्व की चिकित्सा पद्धतियों में होम्योपैथी विशिष्ट चिकित्सा पद्धति है। यह कम खर्चीली है तथा इसके माध्यम से रोग को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। इसके कोई साइड़ इफैक्ट नही होने के कारण विशेषकर माताओं और शिशुओं के लिए लाभदायक है। श्री सराफ ने बताया कि प्रदेश में 3698 आयुर्वेद, 280 यूनानी तथा 252 होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हो रहे है, जिनमें मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत जांच की व्यवस्था भी उपलब्ध है।
समारोह में सांसद डॉ. मनोज राजोरिया ने भी सम्बोधित किया। होम्योपैथी यूनिवसिटी के प्रेसीडेंट डॉ. चतुर्भुज नायक ने सभी का स्वागत किया और रजिस्ट्रार डॉ. तारकेश्वर जैन ने सभी का आभार ज्ञापित किया। समारोह में 16 चिकित्सकों को पीएचडी, 78 को एमडी तथा 193 को बीएसएमएस की डिग्रियां प्रदान की गई। समारोह में यूर्निवसिटी के चेयरपर्सन डॉ. गिरेन्द्र पाल को लाइफटाईम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया।