नई दिल्ली । कथित तौर पर नपुंसक युवक को शादी करना महंगा पड़ गया। इस युवक के खिलाफ युवती के परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने के साथ मुखर्जी नगर थाने में मामला भी दर्ज कराया है। युवती के परिजनों का आरोप है कि इस युवक ने शादी से पहले यह नहीं बताया था कि वह शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थ है। युवती के पिता के मुताबिक उन्होंने मुखर्जी नगर थाने में युवक के खिलाफ विश्वास तोड़ने का मुकदमा भी दर्ज कराया है और घरेलू हिंसा के तहत 10 करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा है। उनका कहना है कि वे बेटी की शादी को एलनमेंट के तहत अमान्य करार दिलवाना चाहते हैं, जिसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
एलनमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत शादी को अमान्य करार दिया जाता है। यानी कानूनी रूप से शादी हुई ही नहीं। हालांकि युवक ने इसका यह कहते हुए विरोध किया है कि युवती की ओर से उसके नपुंसक होने का लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। ऐसा कोई मेडिकल रिकॉर्ड सामने नहीं आया है, जिससे साबित हो सके कि वह दांपत्य संबंध बनाने में असमर्थ है। अपने माता-पिता के साथ मुखर्जी नगर इलाके में रहने वाली 32 वर्षीय युवती ऑनलाइन मैरिज ब्यूरो के माध्यम से एक युवक से मिली। जान-पहचान बढ़ी और बाद में दोनों एक दूसरे से मिलने-जुलने लगे। दोनों ने एक दूसरे को पसंद करने के बाद शादी करने का फैसला लिया।
26 सितंबर 2014 को इनकी शादी भी हो गई। शादी के बाद महिला आनंद निकेतन स्थित ससुराल गई। वहां शादी की रस्म पूरी होने के बाद युवक अपने पैतृक घर हिमाचल प्रदेश के नेहरान पुखर चला गया, जहां रिसेप्शन आयोजित किया गया था। इस दौरान नवदंपती हनीमून मनाने के लिए निकले। महिला ने पति पर आरोप लगाया कि वह हनीमून से संतुष्ट नहीं है। महिला ने पति की मर्दानगी पर शक जताया। इस बीच पति ने कहा कि ग्रीस में हनीमून मनाने का फैसला पहले से ही कर रखा है।