नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने यहां प्रगति मैदान में आईटीपीओ परिसर की पुनर्निर्माण परियोजना में 2,150 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के प्रबंध निदेशक संजय कुलकर्णी को आज जमानत दे दी।इस मामले में एनबीसीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक अनूप मित्तल को भी आरोपी बनाया गया है।विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर कुलकर्णी को जमानत दे दी।
अदालत ने इस मामले में कल संदिग्ध बिचौलिए ऋषभ अग्रवाल को जमानत दी थी।
अदालत ने बचाव पक्ष और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कुलकर्णी और अग्रवाल की जमानत याचिकाओं पर पांच जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।सीबीआई ने इस मामले में कथित तौर पर घूस देने के लिए मित्तल, कुलकर्णी, अग्रवाल और दो सरकारी कर्मचारी प्रदीप मिश्रा तथा आकाशदीप चौहान पर 22 दिसंबर को मामला दर्ज किया था।
उसने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि एनबीसीसी ने प्रगति मैदान में इस अहम भूमि के पुनर्निर्माण का 2,149.93 करोड़ रुपये का ठेका शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और शपूरजी पलोनजी कतर डब्ल्यूएलएल को दिया था।मुंबई स्थित कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स इस काम को शपूरजी पलोनजी से लेने की कोशिश कर रही थी।सीबीआई ने आरोप लगाया कि कुलकर्णी ने कंपनी के पक्ष में ठेका हासिल करने के लिए अग्रवाल से संपर्क किया जिसके सरकारी कर्मचारियों से अच्छे संपर्क थे।