– दिल्ली हाईकोर्ट के एकलपीठ जज ने सांसद बिरला के पीए महेन्द्र गौत्तम की याचिका को पीआईएल माना और इसे सुनवाई के लिए मुख्यपीठ को रैफर की।
जयपुर। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए कोटा-बूंदी के लोकसभा सांसद और राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता सांसद ओम बिरला आगामी दिनों में कानूनी मुश्किलों में फंस सकते हैं। ओम बिरला के पीए रहे महेन्द्र गौत्तम की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने पीआईएल के तौर पर एडमिट कर लिया है और इसे डीबी में सुनवाई के लिए भेजा है। मामले में अगली तारीख 21 मई तय की गई है। महेन्द्र गौत्तम ने सांसद ओम बिरला पर भ्रष्ट तरीके से और पद का दुरुपयोग करके करोड़ों अरबों रुपए की सम्पत्ति अर्जित करने के आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सक्दर के यहां याचिका लगाई।
याचिका में सांसद बिरला के अलावा लोकसभा के सचिव, केन्द्र सरकार, ईडी और सीपीडब्ल्यूडी को पक्षकार बनाया है। याचिका की सुनवाई के दौरान लोकसभा सचिव ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि याचिकाकर्ता सांसद बिरला के पीए रहे हैं। दुर्भावनावश आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाए। इस पर गौत्तम के वकील ने जवाब दिया कि याचिका में सांसद बिरला के पीए होने की जानकारी दे दी है, साथ ही ओम बिरला के भ्रष्ट तरीकों से अर्जित सम्पत्ति और पद के दुरुपयोग के मामलों की सम्पूर्ण जानकारी मय दस्तावेज लगाई गई है। मामले की जांच करवाई जाए तो यह बहुत बड़ा घोटाला निकलेगा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस पीआईएल के तौर पर दर्ज करते हुए मामले में सुनवाई के लिए इसे दिल्ली हाईकोर्ट मुख्यपीठ के यहां रैफर कर दिया। इस फैसले से सांसद बिरला पर कानूनी शिकंजा कस गया है। याचिका में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए तो बिरला फंस सकते हैं।
उधर, महेन्द्र गौत्तम ने सांसद बिरला के खिलाफ सीबीआई कोर्ट जयपुर में आपराधिक परिवाद दाखिल कर रखा है। इसमें भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों रुपए की सम्पत्ति अर्जित करने और बेटी की शादी में कानूनी तौर पर हैसियत नहीं होने पर भी करोड़ों रुपए खर्च करने, दूसरों के नाम से बेनामी सम्पत्तियां व सैकड़ों बीघा भूमि खरीदने जैसे कई आरोप है। आज शनिवार को कोर्ट में सांसद बिरला की ओर से एडवोकेट दीपक चौहान पेश हुए। 24 मई को मामले में बहस होगी।