ईटावा। स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन के अनुकूल व उसकी पहुुंच में बनाने को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार व यूपी की योगी सरकार भले ही बड़े दावे कर ले। लेकिन धरातल पर स्थिति आज भी ज्यादा बेहतर नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग की यह लचर बानगी वायरल हुए एक वीडियो के जरिए तब खुलकर सामने आई। जब अपने पुत्र की मौत के बाद पिता को अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं मिली तो वह उसे गोद में ही उठाकर बाहर आ गया। यह वाकया यूपी के ईटावा स्थित भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय में देखने को मिला। यहां सिविल लाइन थाना क्षेत्र के विक्रमपुरा गांव निवासी उदयवीर का 14 वर्षीय पुत्र पुष्पेन्द्र पेट दर्द के चलते पिता उदयवीर के साथ अस्पताल आया। उदयवीर ईंट भट्टे पर मुनीम का काम कर जैसे तैसे परिवार का पेट पालता है। अस्पताल पहुंचने पर आपातकालीन इकाई में नियुक्त डा. पीयूष त्रिपाठी ने उसे देखा तो उसका हार्ट व फेफड़े काम नहीं कर रहे थे, वह दम तोड़ चुका था। इस बारे में उदयवीर को बता दिया गया। बाद में उदयवीर पुष्पेंद्र के शव को कांधे पर लादकर बाहर आता नजर आया। उदयवीर ने बताया कि अस्पताल में एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। ऐसे में वह कांधे पर ही पुष्पेन्द्र के शव को लेकर बाहर आया और टैम्पों में डालकर घर पहुुंचा। इस दौरान मौके पर मौजूद किसी शख्स ने इस घटना का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाने को लेकर सरकार के दावों की पोल खोल गई। हालांकि बाद में अस्पताल प्रशासन की ओर से इस मामले में सफाई दी गई। साथ ही सीएमओ मामले की जांच करने अस्पताल पहुंच गए।
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