जयपुर। पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीर के अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापसी के बाद प्रशासन और सरकार ने कड़े तेवर अपनाने शुरु कर दिए हैं। शुक्रवार देर रात हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी की गई। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। दूसरे कुछ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक सौ से अधिक कंपनियां तैनात की गई है।
आतंकी हमले के बाद सरकार ने कश्मीर के बीस अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं समेत काफी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी। उधर, सुरक्षा वापस लेने और गिलानी की गिरफ्तारी के बाद कश्मीर में सियासत तेज हो गई है। पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया है कि हुर्रियत नेताओं व कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है, जो गलत है। सरकार किसी व्यक्ति को तो कैद कर सकती है, लेकिन उसके विचारों को नहीं।
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी गिरफ्तारी को गलत ठहराया है। साथ ही सुरक्षा वापसी के आदेश को गलत बताते हुए राज्यपाल से इस पर पुर्नविचार करने को कहा है। उमर ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने फैसला नहीं बदला तो वे कोर्ट में जा सकते हैं।