-बजट सत्र से पहले 146 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सस्पेंड 146 सांसदों का निलंबन रद्द हो गया है। बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक के बाद मंगलवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। हमने पहले ही कहा था कि I.N.D.I.A. गठबंधन केवल फोटो शूट है। गठबंधन की मौत तो करीब हो ही गई है। इसका ब्रेन डेड है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक में उन्होंने असम में राहुल गांधी की यात्रा पर हुए हमले और राज्य सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया। साथ ही हेमंत सोरेन, लालू प्रसाद समेत विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। मंगलवार को संसद में हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल समेत 30 पार्टियों के 45 नेता शामिल हुए। इसमें कांग्रेस नेता कोडिकुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता टीआर बालू, शिवसेना के राहुल शेवाले, समाजवादी पार्टी के नेता एस टी हसन, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राम नाथ ठाकुर और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के जयदेव गल्ला शामिल थे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा सभापति हरिवंश नारायण सिंह से विपक्षी सांसदों के निलबंन को रद्द करने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह निलंबन रद्द कर दिया है। बुधवार (31 जनवरी) से निलंबित सांसद सदन में लौटेंगे। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 146 सांसद सस्पेंड किए गए थे। राज्यसभा से 46 सांसद निलंबित हुए थे। इनमें 35 सिर्फ एक सत्र के लिए सस्पेंड हुए थे। वहीं, 11 सांसदों के सस्पेंशन का मामला प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया गया था। संसद सुरक्षा चूक पर विपक्षी सांसद पीएम मोदी और अमित शाह से बयान देने की मांग रहे थे। हंगामे के चलते 14 से 21 दिसंबर तक लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 61 सांसद (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) हैं। 18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे।
जिस तरह से हमें अपने घर को चलाने के लिए एक बजट की जरूरत होती है, उसी तरह से देश को चलाने के लिए भी बजट की जरूरत पड़ती है। हम अपने घर का जो बजट बनाते हैं, वो आमतौर पर महीनेभर का होता है। इसमें हम हिसाब-किताब लगाते हैं कि इस महीने हमने कितना खर्च किया और कितना कमाया। इसी तरह से देश का बजट भी होता है। इसमें सालभर के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा होता है। सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टीमेट बनाने के लिए कहता है। उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल के खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है। एस्टीमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते हैं। इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है। इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है। वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है। राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है। प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं। इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं। बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं। बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है। एक बड़ी सी कड़ाही में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है। इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है। प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं। इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई। वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते हैं। 2016 तक फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था। 2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा। इस साल पहली बार बजट के सभी दस्तावेज Union Budget मोबाइल पर उपलब्ध कराए गए।

LEAVE A REPLY