जयपुर। सिविल सर्विसेज परीक्षा में राजस्थान के जोधपुर के फलौदी कस्बे के छोटे से गांव फूलासर के रहने वाले गौरव राजपुरोहित ने भी आईएएस में चयन होकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। राजपुरोहित ने 185 वीं रैंक हासिल की है। राजपुरोहित को भारतीय पुलिस सेवा मिलने की उम्मीद है। हालांकि उनकी इच्छा आईएएस की है। वे इस लक्ष्य को छोड़ेंगे भी नहीं। राजपुरोहित ने मीडिया से कहा कि वे आईपीएस ज्वाइनिंग करने के साथ आईएएस की भी तैयारी रखेंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करते रहेंगे।
उन्होंने अपनी सफलता का राज सेल्फ स्टडी को बताया है। वे कहते हैं कि सेल्फ स्टडी से हर तरह का मुकाम हासिल किया जा सकता है। हालांकि शुरुआत में वे भी कोचिंग गए थे, लेकिन कोचिंग में समय की बर्बादी को देख वे घर पर ही पढ़ाई करने लगे। दो साल तक घर पर ही सिविल सर्विसेज की पढ़ाई की, जिसका नतीजा है कि उनका सिविल सर्विसेज में चयन हो पाया है। राजपुरोहित आईआईटी दिल्ली से बीटेक है। उनके पिता गुमान सिंह रिटायर्ड तहसीलदार रहे हैं। आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है उसके पिता गुमान सिंह सेवानिवृत्त तहसीलदार है। जोधपुर के ही विनोद परिहार ने भी सिविल सर्विसेज में 868 वीं रैंक हासिल की है।
वे भी दिल्ली के टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से बीटेक है। गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार रात को सिविल सर्विसेज का रिजल्ट घोषित किया है। इसमें हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने पहला स्थान हासिल किया है।