जयपुर। करोड़ों रुपए के गेहूं गबन मामले में बुधवार एसीबी जोधपुर के समक्ष सरेण्डर करने वाली निलंबित आईएएस निर्मला मीणा को रिमांड पर लिया है। एसीबी ने उसे भ्रष्टाचार मामलात की विशेष अदालत जोधपुर के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें यह कहते हुए रिमांड पर लिया कि गेहूं गबन मामले की पडताल करनी है और गबन राशि बरामद करनी है। निर्मला मीणा व उसके पति पर एसीबी ने आय से अधिक सम्पत्ति का भी केस दर्ज कर रखा है।
निर्मला मीणा ने बुधवार को एसीबी जोधपुर कार्यालय में सरेण्डर किया। करीब दो महीने से निर्मला फरार चल रही है। हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जियां खारिज होने के बाद निर्मला मीणा के पास सरेण्डर होने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा था। अगर वह सरेण्डर नहीं करती तो एसीबी उन्हें अरेस्ट करती। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी छापे भी मार रही थी। गौरतलब है कि निर्मला मीणा जोधपुर में जिला रसद अधिकारी पद पर कार्यरत थी। उनके कार्यकाल में 35 हजार क्विंटल गेहूं के गायब होने का मामला सामने आया। शिकायत के बाद एसीबी ने माना कि अफसरों ने मिलीभगत करके इस गेहूं को खुर्द.बुर्द कर दिया। एसीबी ने कुछ अफसरों को तो गिरफ्तार कर लियाए लेकिन निर्मला मीणा फरार हो गई।
फरारी के दौरान डीजे जोधपुरए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से निर्मला मीणा ने अग्रिम जमानत लेनी चाहिएए लेकिन उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। एसीबी जोधपुर गेहूं गबन मामले में अब उनसे पूछताछ करेगीए साथ ही उन्हें गुरुवार को जोधपुर जेल में पेश करके रिमांड पर लेगी। मीणा पर आरोप है कि उसने डीएसओ जोधपुर रहते हुए जिले में करीब 33 हजार नए परिवार जोड़े और इन परिवारों के लिए 33 हजार क्विंटल गेहूं बनाया। फिर यह गेहूं परिवारों में नहीं बंटा और इसे बाजार में बेच दिया। यह पूरा गेहूं आटा पिसाई मिलों को बेचा गया। डीएसओ निर्मला मीणा ने खुद आला अफसरों को रिपोर्ट बनाकर गेहूं मंगवाया था। मामले में शिकायत मिलने पर एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ। एसीबी ने निर्मला मीणा के घर पर छापा माराए जिसमें बड़ी तादाद में आय से अधिक सम्पत्ति मिली है। इसका भी मामला एसीबी में चल रहा है।