जयपुर। राजस्थान सरकार के पीएचईडी महकमे के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा और बाड़मेर विधायक कैलाश चौधरी के बीच हुई हॉट टॉक मामले में सरकार गंभीर नजर आई। सरकार के कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी कर संदीप वर्मा का तबादला कर दिया। कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेशों में उन्हें पीएचईडी विभाग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में नियुक्त किया गया है। हालांकि इस तबादले के वजह कार्मिक विभाग एक सामान्य प्रक्रिया होना बता रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सचिव संदीप वर्मा व बाड़मेर विधायक कैलाश चौधरी के बीच हो घटनाक्रम हुआ, उसी के चलते सरकार ने यह फैसला लिया। बता दें दो पूर्व ही राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर के पेयजल प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा सदस्य कैलाश चौधरी ने पीएचईडी सचिव संदीप वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 12 सौ करोड़ रुपए के पेयजल प्रोजेक्ट पूरा हुआ और मात्र एक सौ करोड़ रुपए के टेण्डर होने हैं। लेकिन सचिव संदीप वर्मा टेण्डर जारी नहीं कर रहे हैं। बाद में सदन परिसर में जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कक्ष में संदीप वर्मा व विधायक कैलाश चौधरी के आरोपों के बारे में जवाब मांगा। इस दौरान कैलाश चौधरी भी वहां मौजूद थे। चर्चा यह रही है कि आरोपों के संबंध में चौधरी और वर्मा के बीच गरमागरम बहस हुई है। चौधरी ने पेयजल प्रोजेक्ट को लेकर संदीप वर्मा को खरी-खरी सुनाई थी। इधर चर्चाएं यह भी निकलकर सामने आ रही है कि संदीप वर्मा करोड़ों का घोटाला रोकना चाहता था। पोकरण-फलसूंड के प्रोजेक्ट में मोटा खेल चल रहा था। इसी को लेकर संदीप वर्मा ने उसे रोक रखा था। वे इस भ्रष्टाचार को उजागर करने के मामले में इन दिनों सख्त रवैया अपनाए हुए थे।
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