जयपुर। घनश्याम तिवाड़ी ने जब से भाजपा या यूं कहिए मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए हैं तब से ही भाजपा की अंदरूनी राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। एक तरफ घनश्याम तिवाड़ी पार्टी के विरोध में खड़े हुए नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ वे अब भी पार्टी से जुड़े हुए हैं। वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई की और ना ही उन्हें पार्टी से निकाला। ऐसे में लोगों को समा नहीं आ रहा है कि यह कैसा विरोध है यह हो क्या रहा है। वहीं अब यह सूनने में आया है कि भाजपा युगपुरुष दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है, वहीं दूसरी तरफ उनके नेता बयान दे रहे हैं कि दीनदयाल के नाम पर शुरू हुई वाहिनी से कोई जुड़ेगा तो उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। जी हां, ऐसा राजस्थान बीजेपी में उभरी अंदरूनी कलह की वजह से हो रहा है। आपको बता दें कि पार्टी के सीनियर एमएलए घनश्याम तिवारी बागी हो चुके हैं। उन्होंने ही इस दीनदयाल वाहिनी की शुरूआत की है। अब भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि दीनदयाल वाहिनी में काम करने वाला व्यक्ति भाजपा का सदस्य नहीं रहेगा। परनामी के इस बयान के बाद दोबारा विवाद बढ़ने की आशंका है। आपको बता दें कि अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहे पार्टी के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवारी लगातार परनामी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्यशैली पर निशाना साधते रहते हैं।
मतभेद है, मनभेद नहीं
करौली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवालों का जवाब देते हुए परनामी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 80 लाख सदस्यों का बड़ा परिवार है। कुछ सदस्यों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल ने पार्टी के संगठनात्मक मुद्दों पर विस्तार से पदाधिकारियों और कार्यकतार्ओं से विचार विमर्श कर बूथस्तर तक पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करने सहित अन्य निर्देश दिये हैं। परनामी ने कहा, मौजूदा समय में करौली जिले में चार विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक पर भाजपा विधायक है, लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में चारों सीटे भाजपा के पास होंगी। परनामी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल के साथ आज करौली में थे।