लखनऊ। नोटबंदी की आड़ में सेबी के पास 600 करोड़ रुपए जमा कराने की सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की दलील को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर ही दिया। सहारा गु्रप ने कोर्ट में पिटीशन दायर कर मांग की थी कि नोटबंदी के चलते पैसों का इंतजाम नहीं हो पाने से उसे और वक्त दिया। पिटीशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में इंकार कर दिया। पिटीशन को खारिज करते हुए कोर्ट ने सीधे-सीधे संकेत दे दिए कि समय पर पैसा जमा नहीं कराया तो सुब्रत रॉय को एक बार फिर से जेल भेज दिया जाएगा। गौरतलब है कि 28 नवंबर 2016 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने साफ कहा थ कि 6 फरवरी 2017 तक 600 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए तो सहारा चीफ को फिर से जेल जाना होगा। ग्रुप ने कोर्ट में कहा कि नोटबंदी के चलते उसे प्रोपर्टी बेचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कोर्ट ने ऐसी किसी भी दलील को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पूर्व भी 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने रॉय के पेरोल को 28 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया। उस समय कंपनी ने सेबी के पास 200 करोड़ रुपए जमा कराए थे। उस दौरान हुई सुनवाई में सहारा ग्रुप की ओर से कहा गया था कि वह निवेशकों को तमाम बकाया 26 महीने में लौटा देंगे।

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