-किसान कर्जा और काला कानून के मुद्दे पर सदन के भीतर धरना जारी, सचिन पायलट ने विधानसभा पहुंच विधायकों से मुलाकात की, डूडी की सीएम को नसीहत, दागी अफसरों के मकड़जाल से बाहर निकले
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा है कि प्रदेष में किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करने और मीडिया व जनता की आवाज दबाने वाले ’काला कानून’ वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक सदन में मंगलवार दोपहर से धरने पर हैं लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हठधर्मिता पर उतारू हैं। डूडी ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने ये मांगें सदन के भीतर नहीं मानी तो कांग्रेस पूरे प्रदेष में बड़ा जनआंदोलन खड़ा करेगी।
कांग्रेस विधायकों ने राजस्थान विधानसभा के चालू मानसून सत्र में आज दूसरे दिन भी प्रदेष में किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी और ’काला कानून’ निरस्त करने की मांग को लेकर सदन के भीतर धरना दिया। कांग्रेस का साथ अनेक निर्दलीय विधायकों ने भी दिया। प्रदेष कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट भी आज सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा पहुंचे और कांग्रेस विधायकों से ’ना पक्ष लाॅबी’ में मुलाकात की। इसके बाद पायलट ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेष के किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। प्रदेष के सभी किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’काला कानून’ को प्रवर समिति में भेजने से कुछ नहीं होगा, इस अध्यादेष को निरस्त करना चाहिए क्योंकि यह अध्यादेष लोकतंत्र की भावनाओं के विपरीत है।
नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री किसानों के साथ विष्वासघात कर रही है। सरकार ने किसान संगठनों से समझौता कर हाईपावर कमेटी बनाकर 50 हजार रूपये तक का कर्जा माफ करने का आष्वासन दिया है। लेकिन प्रदेष में लाखों किसान ऐसे हैं जिन पर लाखों रूपये का कर्जा है और इसके लिए नोटबंदी, फसल बीमा योजना की विफलता, फसल का उचित मूल्य नहीं मिलना, बीमा कंपनियों का चक्रव्यूह जैसे बड़े कारण जिम्मेदार हैं। इनके बोझ से दबा किसान आत्महत्या कर रहा है और प्रदेष में लाखों किसान खेती-बाड़ी छोड़ने को मजबूर है। इसलिए सरकार को तुरंत प्रभाव से प्रदेष के सभी किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने ’काला कानून’ के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री पर प्रहार करते हुए कहा है कि सरकार ने इस बेतुके अध्यादेष को प्रवर समिति में भेजा है जो कि सारहीन है जबकि यह अलोकतांत्रिक अध्यादेष पूरी तरह से निरस्त होना चाहिए। डूडी ने मुख्यमंत्री को भी नसीहत दी है कि वे दागी अफसरों के मकड़जाल से बाहर निकले और प्रदेष के हित में सही दिषा में फैसले ले।