लंदन। कार्यस्थल पर डराने-धमकाने और हिंसा जैसी घटनाओं से टाइप2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि चयापचय संबंधी परिवर्तन होने की संभावना और खानपान की आदतों में बदलाव के कारण मधुमेह की आशंका बढ़ जाती है। इससे पहले हुए अध्ययनों में पाया गया था कि नौकरी को लेकर असुरक्षा, लंबी कार्य अवधि जैसे कारकों के परिणामस्वरूप होने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव का संबंध मधुमेह के अधिक जोखिम से जुड़ा है। अध्ययन में सामने आया कि धमकाने और हिंसा संबंधी घटनाओं से आत्मसम्मान और चीजों से उबर पाने जैसी क्षमताओं पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकतार्ओं के अनुसार, ह्यह्यधमकाने या धौंस जमाने को एक गंभीर सामाजिक तनाव माना जाता है, जो तनाव प्रतिक्रिया को सक्रिय कर सकता है और इससे शरीर में ऐसे जैविक बदलाव होते हैं जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन डाइबेटोलॉजिया पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।