पणजी। हिंदी फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी ने आज यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के भारतीय पैनोरमा खंड का उद्घाटन किया और इस दौरान ‘पुष्कर पुराण’ एवं ‘पीहू’ का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर श्रीदेवी ने कहा, ‘‘मेरे लिए भारतीय पैनोरमा खंड के उद्घाटन समारोह में आप सबके बीच होना एक सम्मान की बात है, जो आईएफएफआई के सबसे शानदार खंडों में एक है। भारतीय पैनोरमा में शामिल अलग-अलग भाषाओं की फिल्में भारत की विविधता को दिखाती हैं। मैं इन फिल्मों को लेकर उत्साहित हूं। मैं भारतीय पैनोरमा के शुरूआत की घोषणा करते हुए खुद को बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं।’’ प्रदर्शित फिल्मों में ‘पुष्कर पुराण’ गैर फीचर फिल्म है, जबकि ‘पीहू’ फीचर फिल्म की श्रेणी में आती हैं। ‘पीहू’ के निर्देशक विनोद कापड़ी ने कहा, ‘‘मेरा यहां होना और मेरी फिल्म से भारतीय पैनोरमा खंड की शुरूआत होना मेरे लिए सम्मान की बात है।’’ ‘पीहू’ दो साल की एक लड़की की कहानी है। फिल्म इस लिहाज से खास है कि फिल्म का मुख्य किरदार दो साल की एक बच्ची ने अदा किया है और वह फिल्म में अकेली किरदार है।
‘पीहू’ एक सोशल थ्रिलर है जो 2014 में एक अखबार में आयी एक सच्ची खबर पर आधारित है। यह खबर चार साल की एक बच्ची के घर में अकेले छूट जाने की कहानी है। यहां के आईनॉक्स सिनेमा में फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद वहां मौजूद दर्शकों ने जमकर तालियां बजायीं।वहीं, अपनी फिल्म ‘ओम दर बदर’ (1988) के तीन दशक के लंबे समय बाद कमल स्वरूप अपनी वृत्तचित्र ‘पुष्कर पुराण’ लेकर आए हैं, जो पुष्कर शहर और उसके धार्मिक महत्व पर केंद्रित है।भारतीय पैनोरमा में इस बार 26 फीचर और 16 गैर फीचर फिल्में हैं। पैनोरमा की निर्णायक समिति का नेतृत्व मशहूर हिंदी फिल्मकार राहुल रवैल कर रहे हैं। रवैल समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं और उन्होंने फिल्मकार सुजॉय घोष की जगह ली है।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने समिति की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए दो फिल्मों मराठी फिल्म ‘न्यूड’ और मलयाली फिल्म ‘एस दुर्गा’ को पैनोरमा से हटा दिया था, जिसके बाद घोष ने समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। घोष के अलावा पटकथाकार अपूर्व असरानी और फिल्मकार ज्ञान कोरिया ने भी समिति के सदस्यों के तौर पर इस्तीफा दे दिया।समारोह में फीचर और गैर फीचर फिल्मों दोनों की पैनोरमा निर्णायक समिति के सदस्यों को सम्मानित किया, लेकिन फीचर फिल्म की निर्णायक समिति के कुछ ही सदस्य वहां मौजूद थे जिनमें राहुल रवैल और पटकथाकार रूचि नारायण शामिल थीं।हालांकि, मंच से प्रशस्ति पत्र के लिए अपूर्व असरानी के नाम की घोषणा की गयी थी आईएफएफआई कल शुरू हुआ है और 28 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान यहां 80 से ज्यादा देशों की 195 फिल्में दिखायी जाएंगी।