जयपुर। जयपुर नगर निगम में सिविल वर्क्स के टेण्डर स्वीकृत करने तथा बिल पास करने की एवज में उत्कोच स्वरूप ठेकेदारों से वसूली करने के मामले में 1० अगस्त, 2०14 को रंगे हाथ गिरफ्तार हुए तत्कालीन एक्सईएन पुरुषोत्तम जेसवानी ने सोमवार को एसीबी-2 अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर 23 अक्टूबर, 2०14 को जारी हुई अभियोजन स्वीकृति को चुनौती दी है। प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए स्पश्ोल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बी.एस. चौहान ने कड़ी आपत्ति करते हुए कोर्ट को बताया कि 9 अक्टूबर, 2०14 को चालान पेश किया गया था। आज तक चार्ज नहीं लगे। बार-बार अर्जी लगाकर कोर्ट का समय एवं न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।
निदेशक एवं पदेन संयुक्त सचिव पुरुषोत्तम बियाणी ने एसपीपी चौहान ने बिना बहस सुने ही अदालत से चार्ज लगाने की मांग की। बाद में जज पवन कुमार शर्मा ने एसीबी के जवाब व बहस के लिए 9 मई की आगामी तारीख दी है।
मुल्जिम की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता व अन्य का पेश हुआ वकालतनामा : सोमवार को सुनवाई के दौरान एडवोकेट डॉ. अभिनव शर्मा, आनंद शर्मा एवं अक्षत त्यागी की ओर से आरोपी पुरुषोत्तम जेसवानी की पैरवी करने के लिए अतिरिक्त एडवोकेट के रूप में वकालतनामा पेश किया गया। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने अभिनव शर्मा को हाईकोर्ट में एएजी नियुक्त कर रखा है। गत दिनों भी लालचन्द असवाल ने वकील एस.एस. होरा को तथा जेसवानी ने चिमनाराम पूनिया को नया एडवोकेट नियुक्त किया था। सोमवार को पेश की गई अर्जी में जेसवानी ने प्रसंज्ञान आदेश रद्द कर डिस्चार्ज करने की प्रार्थना की है।