– राम प्रसाद के सुसाइड के मामले में परिवार ने तीन दिन बाद भी शव नहीं उठाया
जयपुर. राम प्रसाद के सुसाइड के मामले में परिवार ने तीन दिन बाद भी शव नहीं उठाया है। उन्होंने अपनी आठ मांगे सरकार के सामने रखी हैं। इसमें मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार करने के लिए भी कहा गया है। वहीं, शव उसी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस में रखा है, जहां राम प्रसाद ने सुसाइड किया था। दूसरी तरफ राम प्रसाद का जिस होटल मालिक से विवाद था, उस निर्माणाधीन होटल को सीएम गहलोत के निर्देश के बाद निगम अधिकारियों ने 650 गज में बने होटल को बुधवार सुबह 5 बजे गिरा दिया। दरअसल, एक आरोपी देवेन्द्र शर्मा के निर्माणाधीन होटल मृतक की जमीन के पास ही है। बताया जा रहा इसका निर्माण अवैध रूप से चल रहा था। निगम के अधिकारियों ने होटल तो बनने दिया, लेकिन रामप्रसाद मीणा का घर नहीं बनने दिया। इस पर होटल पर एक्शन किया गया। हालांकि निगम की इस कार्रवाई को लेकर होटल और मंदिर प्रशासन के लोगों का कहना है कि सरकार की कार्रवाई गलत हैं। वहीं, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के धरन स्थल पर पहुंचने के बाद एक मांग पत्र बनाया गया हैं। मृतक राम प्रसाद मीणा के परिवार की ओर से एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया है। जिस में परिवार को न्याय देने और उनके साथ जो अत्याचार हुआ। उसका मुआवजा देने की मांग की गई हैं। इस घटना में स्थानीय विधायक मंत्री महेश जोशी भी जुड़े हुए हैं। मंत्री महेश जोशी एफआईआर में एक नामजद आरोपी है। उनको गिरफ्तार किया जाए। बाकी के आरोपियों की भी गिरफ्तारी हाे। सुसाइड करने वाला राम प्रसाद चांदी की टकसाल, काले हनुमान मंदिर के पास रहता था। यहां से 200 मीटर दूर ही उसकी जमीन है। इस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। मृतक खुद की जमीन पर मकान बनाना चाहता था। आरोप है कि महेश जोशी सहित कई लोग उन्हें मकान बनाने के लिए बार-बार रोकते थे। जमीन के सभी डॉक्युमेंट होने के बाद भी उसके घर के बाहर गार्ड लगा दिए थे ताकि काम नहीं करा सके। इसे लेकर राम प्रसाद की दादी शनिवार को महेश जोशी से मिली, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। इससे परेशान होकर राम प्रसाद ने सोमवार सुबह फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।

LEAVE A REPLY