सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पढ़ सकेंगी लड़कियां, 12 करोड़ रुपये के वित्तीय भार को मंजूरी
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ओर कदम बढ़ाते हुए सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में लड़कियों के प्रवेश की राह आसान कर दी है। अब 91 लड़कियों को यहां प्रवेश मिलेगा। उनकी पढ़ाई पर आने वाले 12 करोड़ रुपए के वित्तीय भार के लिए मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने सभी सैनिक स्कूलों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर इस संबंध में राज्य सरकारों से सहमति लेने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार की मंशा थी कि सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश मिले और इस संबंध में सरकार ने सैनिक स्कूल सोसायटी को अपना अभिमत प्रेषित किया था। इसके बाद सोसायटी ने सीटें बढ़ाने को मंजूरी दी। सोसायटी ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में आदर्श छात्र संख्या 600 से बढ़ाकर 700 कर दी और कुल सीटों का 13 प्रतिशत यानि 91 सीटें लड़कियों के लिए रखी हैं।
स्कूल में आधारभूत ढांचे के विस्तार के लिए सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के प्राचार्य ने 11 करोड़ रुपये के अनावर्तक व्यय और प्रतिवर्ष होने वाले एक करोड़ रुपये के आवर्तक व्यय के रूप में कुल 12 करोड़ रुपये का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा (सैनिक स्कूल विभाग) को भेजा था। विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजकर 12 करोड़ रूपये के वित्तीय भार की मंजूरी मांगी थी। मुख्यमंत्री ने यह मंजूरी देकर सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में लड़कियों के पढ़ने की राह आसान कर दी है।
गौरतलब है कि सैनिक स्कूल में लड़कियों की पढ़ाई पर होने वाले सभी खर्चों और सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का है। वित्त विभाग ने भी प्रदेश के सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश पर होने वाले अनावर्तक एवं आवर्तक व्यय के लिए सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच है कि प्रदेश की महिलाएं शिक्षा से जुड़कर विकास में भागीदार बनें। उन्होंने राज्य में घूंघट प्रथा को समाप्त करने की दिशा में अभियान चलाने का भी आह्वान किया है। सैनिक स्कूलों में बालिकाओं की पढ़ाई के लिए सहमति के साथ ही वित्तीय मंजूरी इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।