कुशीनगर। देश में 8 नवंबर से पुराने 1000 और 500 के नोट बंद हो गए तब से लोगों को यह लगा था कि अब नकली नोटों के कारोबार पर लगाम लग जाएगी मगर लगता है कि अपराधियों के हौंसले सरकार से ज्यादा बुलंद हैं। उन्होंने सरकार द्वारा जारी किए नए नोटों के भी नकली नोट बाजार में उतारना शुरु कर दिया है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में सामने आया है जहां पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 32,800 रुपये के नकली नोट, प्रिंटर सहित अन्य सामान बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने रविवार को पुलिस कायाज़्लय में इस गिरोह का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया, कसया थाना क्षेत्र के मल्लूडीह से तीन व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में से निजामुद्दीन ने बताया, वह नकली करेंसी छापने का काम करता था तथा उसके दो साथी बिहार के गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, बगहा एवं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, महराजगंज, बस्ती सहित कई जनपदों में ग्राहक ढूंढते थे तथा 5,000 रुपये असली करेंसी के बदले में 15,000 रुपये के नकली नोट देते थे। आरोपी ने बताया कि काफी मात्रा में नकली नोट बिहार, गोरखपुर और बस्ती आदि क्षेत्रों में अदला-बदली की जाती है। निजामुद्दीन और सलाउद्दीन जनपद के पटहेरवा थाना क्षेत्र के अबराजी कोटवा गांव के निवासी हैं। जबकि तीसरा आरोपी अजहरुद्दीन अंसारी इसी थाना क्षेत्र के खाली कोटवा गांव का निवासी है।