23वां राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विकास में भामाशाहांे द्वारा दिए जा रहे अमूल्य सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में कल्पनातीत बदलाव आया है। शिक्षा विभाग, शिक्षकों, अभिभावकों, विद्यार्थियों, भामाशाहों सहित सभी को इस ऐतिहासिक कायाकल्प का श्रेय देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान शिक्षा सुधार एवं नवाचारों के क्षेत्र में आदर्श राज्य बन गया है।

राजे बुधवार को बिडला सभागार में 23वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर शिक्षा की अलख जगाने में निस्वार्थ भाव से 62 करोड़ 32 लाख रूपए का अभूतपूर्व आर्थिक सहयोग करने वाले 109 भामाशाहों तथा 31 प्रेरकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल, उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालय, बीएड इंटर्नशिप कार्यक्रम, शैक्षिक उन्नयन, सरकारी स्कूलों में पी.टी.एम. तथा स्मार्ट क्लास जैसे हमारे सफल नवाचारों की सराहना पूरे देश में हो रही है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नामांकन एवं परिणामों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और गांव-ढ़ाणी में रहने वाले हमारे प्रतिभावान बच्चे भी देश-विदेश में अपनी सफलता के झंड़े गाड़ रहे हैं।

राजे ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत संकल्प के साथ हमने प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने की शुरूआत की थी और मुझे खुशी है कि सभी के सहयोग से हम इसमें सफल रहे हैं। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य होने जा रहा है जहां एजुकेशन फेस्टिवल जैसा महत्वपूर्ण आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल एजुकेशन से जोड़ने का जरिया बनेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुस्तिका ‘प्रशस्तियां‘ का विमोचन भी किया।
इससे पहले शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आए गुणात्मक सुधारों के कारण सरकारी स्कूलों में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का विश्वास पुनः कायम हुआ है। तीन सालों में इन विद्यालयों में नामांकन 12 लाख बढा है। उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों की तुलना में इस बार भामाशाहों से सबसे ज्यादा सहयोग मिला है।

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