जयपुर. जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के जूनियर समर प्रोग्राम के तहत आयोजित की गई लोक नृत्य व संगीत कार्यशाला का आज स्टूडेंट्स की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ समापन हुआ। 
राजस्थानी स्वागत गीत ’पधारो म्हारे देस‘ की प्रस्तुति के साथ समापन समारोह की शुरूआत हुई, जिसके पश्चात् ‘फोक वाॅकल म्यूजिक वर्कषाॅप‘ के स्टूडेंट्स की ओर से अन्य गायन प्रस्तुति दी गई। स्टूडेंट्स ने ’लुक छुप ना जाओ जी’ व ’कद आवलो’ जैसे प्रसिद्ध गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी। युवा पीढ़ी को राजस्थान के उच्च स्वर में परम्परा की कला से अवगत कराने तथा ताल बंदी का कौषल सिखाने के उद्देश्य के साथ यह कार्यशाला आयोजित की गई थी। एक माह चली लोक नृत्य की इस कार्यषाला में स्टूडेंट्स को राजस्थान के रजवाड़ी घूमर, तेरह ताल के साथ-साथ तेजाजी गायन व कालबेलिया नृत्य सिखाया गया। समापन समारोह की अंतिम प्रस्तुतियों में स्टूडेंट्स ने चरी नृत्य, चैमासो लाग्यो, टूटे बाजू बंदड़ी लूम, रजवाड़ी घूमर व तेरह ताल की शानदार नृत्य श्रृंखला प्रस्तुत कर समा बांध दिया। खड़ताल, मोरचंग, नगाड़ा, हारमोनियम व ढोलक जैसे लोक वाद्य यंत्रों की धुनों के संयोजन के साथ प्रस्तुत की गई नृत्य प्रस्तुतियों ने यहां उपस्थित दर्षकों का दिल जीत लिया।

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