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-जाँच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को
जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने राजस्थान विश्वविद्यालय में बत्तीस कर्मचारियों के नियमन के मामले को जाँच के लिये भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजा है। राज्यपाल सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कुलाधिपति संह ने प्रकरण के सभी बिन्दुओं का गहनता से अध्ययन करवाया है। इस मामले में प्रथम दृष्टया अनियमितताएं पाई गई हैं।

विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को नियम विरूद्ध नियमितीकरण किये जाने की जानकारी गत दिनों राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह के संज्ञान में आई थी। कुलाधिपति सिंह ने इस संबंध में प्राप्त विभिन्न शिकायतों पर विश्वविद्यालय के कुलपति से बिन्दुवार जवाब मांगा था। विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं दस्तावेजों की राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजभवन के अधिकारियों से विश्लेषण करवाया। विश्वविद्यालय में अस्थाई/तदर्थ/दैनिक आधार पर व्यक्तियों की नियुक्तियां की गई। विश्वविद्यालय ने कार्मिकों का नियमितीकरण तथा वेतनमान व वित्तीय लाभ प्रदान किये। प्रकरण में विश्वविद्यालय के अधिनियम के प्रावधानों की पालना भी नही की गई है।

कर्मचारियों को तदर्थ नियुक्ति से चयनित वेतनमान का लाभ दिया गया है। इन वित्तीय लाभों को वित्त विभाग के नियमों के अधीन नही पाया गया है। वेतनमान व चयनित वेतन दिये जाने की अपेक्षित स्वीकृति/सलाह भी राज्य सरकार से नही ली गई है। बिना किसी नियम/अधिनियम और राज्य सरकार की स्वीकृति के अभाव में आंतरिक स्तर पर गठित कमेटी की अनुंशषाओं पर इन बत्तीस कर्मचारियों के नियमितीकरण में लोक सेवाओं में नियुक्तियों का विनियमन व स्टॉफ का सुव्यवस्थीकरण अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित नही किया गया है। राज्यपाल कल्याण सिंह राज्य में उच्च शिक्षा के सुधार के लिये निरन्तर प्रयासरत है। श्री िंसंह चाहते हैं कि राजस्थान के राजकीय विश्वविद्यालयों के कार्यों में पूर्णतः निष्पक्षता और पारदर्शिता का पालन होना चाहिए।

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