जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में बड़ा निर्णय करते हुए कहा कि प्रदेश की अन्तरराज्यीय सीमाओं से अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से राज्य की सभी अन्तरराज्यीय सीमाओं को सील कर रेगुलेट किया जाएगा, जिससे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर अधिकृत व्यक्ति ही राज्य में प्रवेश कर सकें।
श्री गहलोत ने कहा कि विगत दिनों में देश के कई राज्यों में कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। देशभर में गत तीन दिन में 10 हजार कोरोना पॉजिटिव केसेज रिपोर्ट हुए हैं। देश के अन्य राज्यों से भारी संख्या में बिना अनुमति के लोगों के प्रवेश की संभावनाओं के मद्देजनर सीमाएं सील करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
श्री गहलोत ने कहा कि अन्तर्राज्यीय आवागमन की अनुमति केवल भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं शर्तों की कड़ाई से पालना करते हुए ही दी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए मुख्य सचिव अन्य सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सूचित करें कि राजस्थान में आने के लिए केंद्रीय गृह मत्रांलय के दिशा-निर्देशों में अनुमत श्रेणी के उन्हीं लोगों को आवागमन की अनुमति दी जाएगी, जो इसकी सभी शर्तें पूरी करेंगे तथा राजस्थान की पूर्व सहमति भी प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से बाहर की यात्रा के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप पात्रता पूर्ण करने वाले व्यक्ति को जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर स्वीकृति गृह विभाग के स्तर पर जारी की जाएगी। अन्य कोई अधिकारी इसके लिए अनुमति नहीं दे सकेगा। अगर किसी ने अनुमति दी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केवल मेडिकल इमरजेंसी एवं परिवार में मृत्यु के मामलों में राज्य के कलेक्टर ई-पास जारी कर सकेंगे, जिसकी सूचना उसी दिन राज्य के गृह विभाग को देनी होगी। इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार की पूर्व अनुमति के पश्चात ही दूसरे राज्य राजस्थान में आने के लिए परमिट जारी करेंगे।
श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि विदेश से आने वाले व्यक्ति जहां भी लैण्ड करेंगे, उन्हें वहीं पर संस्थागत 14 दिन क्वारेंटीन किया जाएगा तथा इसके बाद उनका आवश्यक रूप से कोविड टेस्ट किया जाएगा। होम क्वारेंटीन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को आवश्यक रूप से सरकारी संस्थागत क्वारेंटीन में रखा जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।