जयपुर। बरेली-भुज एक्सप्रेस ट्रेन में 9 जनवरी, 2013 की रात छुरी दिखाकर 8 यात्रियों से 321० रुपए की डकैती डालने के अपराध में 13 जनवरी को गिरफ्तार किए गए एक अभियुक्त बन्टी गोपर उर्फ सन्नी हरिजन (22) निवासी धोबीघाट-फुलेरा-जयपुर को एडीजे-12 जयपुर मेट्रो तिरुपति कुमार गुप्ता ने डकैती के अपराध में 5 साल की जेल व 5००० रुपए के जुमार्ने की सजा से दण्डित किया। इस संबंध में ट्रेन यात्री अली मोहम्मद मंसूरी ने अजमेर जीआरपी को पर्चा बयान दिया था कि वह मित्र हदीस के साथ सिवान से गांधीधाम-गुजरात जा रहा था। 9 जनवरी, 2०13 को शाम 7 बजे जयपुर से 1०-15 यात्री उनके जनरल कोच में चढ़े थे। रास्ते में उनमें से 2 व्यक्ति आए और छुरी से डरा धमका कर उसका मोबाइल फोन और 6०० रुपए छीन लिए।
अभियुक्तगण ने हदीश से 82० रुपए, अन्य यात्री छोटेलाल से 5० रुपए, चंदन से 2०० रुपए व मोबाइल फोन, मनोज से 6०० रुपए, रामवीर से 5०० रुपए रफीक से 22० रुपए एवं नन्हे लाल से 2०० रुपए जबरन छीनकर फुलेरा रेलवे स्टेशन ट्रेन से उतर गए थे। उपरोक्त प्रकरण फु लेरा जीआरपी थाने में दर्ज कर बन्टी, अमित, लखन हरिजन, विनोद हरिजन, विकास लखन एवं मुकेश हरिजन को बापर्दा गिरफ्तार कर राशि और मोबाइल फोन बरामद किए गए। जेल में हुई शिनाख्ती परेड तथा कोर्ट में हुए बयानों में पीड़ित यात्रियों ने केवल बन्टी गोपर की ही पहचान की। अन्य आरोपियों को पहचान नहीं की। जिस पर अदालत ने अभियुक्त बन्टी गोपर को आईपीसी की धारा 395 में दोषी माना तथा अन्य चारों को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। न्याय का मतलब सत्य की प्राप्ति : अदालत ने आदेश में कहा है कि जज का कार्य भूसे में से गेहूं के दाने चुनकर सत्य को निकालना है न्याय का मतलब केवल सत्य की प्राप्ति है।