जयपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आलोक शर्मा ने गीत किशोर फाउंडेशन की याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिया कि प्रार्थी उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा के समक्ष तत्काल अपील प्रस्तुत करें तथा उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा मामले की आवश्यक प्रकृति को देखते हुए अपील का निस्तारण विस्तृत आदेश पारित करते हुए 10 दिन में करें. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गीत किशोर फाउंडेशन ने एक रिट याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष इस आधार पर प्रस्तुत करते हुए निवेदन किया कि प्रार्थी संस्था को मान्यता दिनांक 17 फरवरी 2017 को प्रदान कर दी गई थी परंतु जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक द्वारा प्रार्थी की मान्यता इस आधार पर वापस लेने का आदेश दिया की प्रार्थी ने भूमियां भवन का रूपांतरण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया जबकि मान्यता में ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि प्रार्थी को भूमि रूपांतरण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर मान्यता समाप्त कर दी जाएगी तथा यह भी तर्क दिया की प्रार्थी संस्था की मान्यता मान्यता वापस लेने का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है क्योंकि ऐसा आदेश जारी करने से पूर्व प्रार्थी को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया और न ही राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियमों के अनुसार सुनवाई का अवसर दिया जाना तथा एक कमेटी द्वारा मामले की जांच करवाई जाना आवश्यक है प्रार्थी संस्था की तरफ से यह भी तर्क की मास्टर प्लान 2025 के अनुसार 1500 वर्ग गज से कम भूमि भवन होने पर भूमि रूपांतरण की आवश्यकता नहीं होती है ऐसी स्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी का आदेश पूर्णता मनमाना है इसलिए इसे अवैध घोषित किया जाए मामले की सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने आदेश दिया कि प्रार्थी की अपील प्रस्तुत करने के 10 दिन के भीतर विस्तृत आदेश पारित करें.