जयपुर । मेवात विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के नाम पर सवा करोड रुपए की ठगी करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश दीपक माहेश्वरी की एकलपीठ ने आरोपियों के खिलाफ अलवर के एनईबी थाने में दर्ज एफआईआर रद्द करने से इंकार करते हुए सीआरपीसी की धारा 482 में पेश की गई आपराधिक याचिका को खारिज कर दिया है।
इस संबंध में नाजिर व अन्य ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि रुपए लेने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद नहीं है। प्रकरण ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का बनता है। पीडित मजीद खान का कहना था कि आरोपियों ने उसकी पत्नी फरीदा को मेवात विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाने का झांसा देकर पार्टी फंड में जमा कराने के नाम पर सवा करोड रुपए वसूले हैं। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि आरोपियों ने मजीद की मुलाकात केन्द्रीय मंत्री राजनाथसिंह से भी कराई थी।