जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। सड़क हादसों में मरने वालों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है, उनके बच्चे अनाथ हो जाते हैं। ऎसे में, हर व्यक्ति की जान को कीमती मानते हुए सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय जोधपुर सहित बालोतरा, शाहपुरा एवं भिवाड़ी में जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय के नवनिर्मित भवनों के लोकार्पण कार्यक्रम को वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति की जान बचाना और उसका इलाज कराना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ में 5 लाख रूपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। ऎसे में अस्पताल किसी भी घायल का इलाज करने में कोताही नहीं बरतें। दुर्घटना का शिकार व्यक्ति यदि दूसरे राज्य का हो तो भी अस्पताल में उसके इलाज का पूरा खर्च वहन करने के साथ ही उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार उठाएगी।
गहलोत ने कहा कि दुर्घटना स्थल के सबसे नजदीकी अस्पताल में घायलों को इलाज उपलब्ध कराया जाए। कोई भी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का इलाज करने से मना करे अथवा इलाज में देरी से घायल व्यक्ति की मौत हो जाए तो सम्बन्धित अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाए। उन्होंने घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले राहगिरों को 5 हजार रूपए नकद प्रोत्साहन राशि देने के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना’ को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट एवं लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ड्राइविंग टेस्ट लिए बगैर लाइसेंस जारी नहीं हो। उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट के लिए अच्छे ट्रेक बनाने और प्राइवेट फिटनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
गहलोत ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक राष्ट्रीय मुा है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी इस दिशा में काफी कदम उठाए हैं। उनका अध्ययन कर सड़क दुर्घटनाएं रोकने के प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग, पुलिस एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित सड़क सुरक्षा से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ मिलकर ऎसी व्यवस्था बनानी होगी कि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नियमों की कड़ाई से पालना कराएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग द्वारा ऎसा मैकेनिज्म विकसित किया जाए, ताकि सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही विशेषज्ञों द्वारा जांच कर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जरूरी बदलाव सड़क निर्माण करने वाली एजेन्सी से करवाए जाएं। उन्होंने सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में उपलब्ध विशेषज्ञता का सहयोग लेने और विभाग में एक प्रकोष्ठ गठित कर दुर्घटनाएं रोकने के लिए लगातार उपाय करने को कहा। उन्होंने सड़क सुरक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लेने के साथ ही सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित पोस्टर, बैनर एवं वीडियो तैयार कर आमजन में व्यापक जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।
गहलोत ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से आमजन को यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है। रोडवेज बसों का संचालन घाटे या फायदे का सौदा मानकर नहीं किया जाता बल्कि प्रदेश की जनता को परिवहन सुविधा देने के लिए किया जाता है। राजस्थान रोडवेज के उत्थान के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारियों के लम्बित परिलाभों का भुगतान करने एवं रोडवेज बसों के बेहतर प्रबंधन के लिए 214 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई। साथ ही 500 करोड़ रूपये के ऋण के लिए भी सरकार की गारंटी देने की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार के बेहतर प्रबंधन से राजस्थान मॉडल स्टेट बनकर उभरा। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था करने एवं पैदल जाने वालों को बसों द्वारा गंतव्य तक पहुंचाने में परिवहन विभाग और रोडवेज ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए मिसाल पेश की है। कोरोनाकाल में परिवहन विभाग द्वारा सराहनीय कार्य किये गये हैं।

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