जयपुर। राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि धार्मिक रीति-रिवाजों के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार श्राद्ध पक्ष में धार्मिक मान्यताओं को दरकिनार करते हुये रोज आधे-अधूरे प्रोजेक्टों का उदघाटन कर रही है। श्राद्ध पक्ष में ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के अधूरे काम का उदघाटन कर दिया। जब मुख्यमंत्री उदघाटन कर रही थी तब लोग मुंह पर कपड़ा लगाये हुये खडे थे, पानी से बदबू आ रही थी, नाले को नदी का नाम तो दे दिया, लेकिन जो काम अभी तक 10 प्रतिषत भी पूरा नहीं हुआ, उसका श्राद्ध पक्ष में जल्दबाजी में उदघाटन करना यह स्पष्ट करता है कि मुख्यमंत्री वसुधरा राजे और भाजपा के प्रतिनिधियों को यह आभास हो गया है कि आने वाले चुनावों में भाजपा की हार तय है।
इसलिये श्राद्ध पक्ष में भी आचार संहिता लगने से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे षीघ्र अधूरे कामों का उदघाटन करने में लगी हुई है। द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में तो हद तब हो गई जब गंदे पानी को साफ करने वाले प्रोजेक्ट पूरी तरह से लगे ही नहीं और गंदे पानी में ही नावे चला दी गईं और जल्दबाजी में अधूरे रीवर प्रोजेक्ट का उदघाटन कर दिया गया।
खाचरियावास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेषा धर्म को लेकर राजनीति करती रही है लेकिन जब भी धर्म के सिद्धान्तों का मानने की बात आती है तो भाजपा नेता धार्मिक सिद्धान्तों के विपरीत काम करते हैं और इसी तरह जयपुर में भाजपा सरकार ने इन पांच वर्षों में 500 से ज्यादा मंदिर तोड़ दिये, चारे के अभाव मे सरकार की लापरवाही के कारण हजारों गायों की हिंगोनिया गौषाला में मौत हो गई, लेकिन सरकार ने इन मुददो पर धार्मिक सिद्धान्तों के विपरीत काम किया। मंदिर और गाय के नाम राजनीति करने वाली भाजपा लगातार लोगों की भावनाओं के साथ खेलती रही, लेकिन उनकी भावनाओं का कभी सम्मान नहीं किया। हिन्दू रीति-रिवाजों की दुहाई देने वाली भाजपा हिन्दू धर्म के सिद्धान्तों के विपरीत अपनी हार के डर से इतनी बौखला गई है कि श्राद्ध पक्ष में हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट का जल्दीबाजी में उदघाटन किया जा रहा है। द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में भारी घोटाला हुआ है। जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट की जांच करायेगें और इस घोटाले मंे जो लोग भी जिम्मेदार हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।