जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि डॉक्टर्स हड़ताल के कारण मरने वाले मरीजों के परिजनों को डॉक्टर्स से वसूली कर क्षतिपूर्ति देनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने महाधिवक्ता को कहा है कि वे राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश कर बताए कि डॉक्टर्स की जवाबदेही तय करते हुए हडताल से प्रभावित हुए मरीजों को किस तरह क्षतिपूर्ति दी जाएगी। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. कुसुम सांघी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्यरत है। याचिकाकर्ता ने विभाग में वीआरएस के लिए आवेदन किया था, लेकिन आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने के नाम पर आवेदन खारिज कर दिया गया।
इस पर अदालत ने आदेश जारी कर कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने के कारण करीब तीस मरीजों की मौत हो चुकी है। चिकित्सा मंत्री भी कह चुके हैं कि चिकित्सीय सेवा नहीं मिलने के कारण मरीजों की मौत हुई है। राज्य सरकार की ओर से मांग मानने के बाद हड़ताल तो समाप्त हो गई, लेकिन मरने वालों के परिजनों और प्रभावित हुए मरीजों को किसी तरह की क्षतिपूर्ति नहीं मिली। ऐसे में चिकित्सकों की जवाबदेही तय करते हुए मरीजों को क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा है कि प्रभावित मरीजों को किस तरह क्षतिपूर्ति दी जाएगी।