– मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिया प्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा
जयपुर। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, अशोक लवासा ने भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को एसएमएस कन्वेंशन सेंटर में राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2018 की तैयारियों का जायजा लिया। आयोग द्वारा मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जयपुर, भरतपुर, अजमेर और बीकानेर संभाग के संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श कर दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध शस्त्रों, अवैध शराब, ड्रग्स और नकदी को जब्त करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। जहां 2013 में 2013 में 1237 अवैध शस्त्र जमा किए गए वहीं 2014 में 1471 और 2018 में सर्वाधिक 3656 शस्त्र जमा किए गए। उन्होंने बताया कि अब तक 3.22 करोड़ अवैध शराब, 2.76 करोड़ लागत की ड्रग्स तथा 11.54 करोड़ नकद राशि जब्त की गई। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के समय 2.58 प्रतिशत मतदाता 18-19 वर्ष के शामिल हुए।
प्रवास के दौरान, आयोग द्वारा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की गई। आयोग ने चुनाव-तैयारियों पर उदयपुर में शुक्रवार को तीन संभाग-कोटा, जोधपुर और उदयपुर और शेष चार संभागों अजमेर, जयपुर, भरतपुर एवं बीकानेर के सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के कार्यों की समीक्षा की।
राज्य के मुख्य सचिव, डी.जी.पी., गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गई। आयकर विभाग, राज्य आबकारी, नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो और बैंको के प्रतिनिधियों के साथ प्रवर्तन सम्बन्धी रणनीति पर चर्चा भी की गई। आयोग द्वारा सुगम मतदान सुनिश्चित करने की सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की गई।
-राजनैतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दे एवं उनके सुझाव ः-
राजनीतिक दलों ने विधानसभा आम चुनाव-2018 के सफल संचालन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे कायोर्ं की सराहना करते हुए उन्हें हरसंभव सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया है।
– मतदाता सूची
• राजनीतिक दलों ने मांग की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान दिवस के दिन अपनी ड्यूटी पर तैनात रोडवेज बसों के चालक और परिचालक तथा लघु उद्योगों के कार्मिक भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
• एक राजनीतिक दल ने शिकायत की है कि मतदान केंद्र पर यदि पोलिंग एंजेंट उपलब्ध नहीं होते हैं तो चुनाव अधिकारी निकटतम मतदान केंद्र से पोलिंग एजेंट को नियुक्त करने से मना कर देते हैं।
• कुछ दलों ने आग्रह किया कि जिन शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है, वहां न्यूनतम 200 मीटर दूरी पर अस्थाई प्रचार कार्यालय नहीं खोलने के दिशा-निर्देश में शिथिलता प्रदान की जानी चाहिए।
कानून एवं व्यवस्था
• प्रभावशाली लोगों द्वारा मतदाताओं को लुभाने और धमकाने आदि की प्रवृति को रोकने के लिए ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है।
आदर्श आचार संहिता से जुड़े मामले
• कुछ राजनैतिक दलों द्वारा यह मांग की गई कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की आपराधिक पृष्ठभूिम (यदि हो तो) प्रकाशित और प्रसारित करवाने के खर्च को उम्मीदवारों के चुनाव खर्च में नहीं जोड़ा जाए।
• कुछ दलों ने यह मांग भी की कि कुछ सरकारी कार्मिक जो किसी सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं और किसी राजनैतिक दल की ओर सुझाव रखने हैं तो वे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। ऎसे कार्मिकों को चुनाव कार्य से दूर रखा जाए।
• एक राजनैतिक दल ने आयोग से मांग की है कि धर्म के नाम पर चुनाव प्रचार के प्रयासों को रोका जाए।
• कुछ राजनैतिक दलों ने अनुमति के सिस्टम से संबंधित समस्याओं का मुद्दा उठाया और आग्रह किया कि प्रचार के लिए उपलब्ध सीमित दिनों को देखते हुए सिस्टम को व्यवस्थित करने के निर्देश दें।
• कुछ दलों ने यह भी मांग की कि एक सुपरिभाषित प्रक्रिया और मानक प्रारूपों को जमीनी स्तर पर अपनाया जाए और यह भी तय किया जाए कि नियुक्त अधिकारी द्वारा शक्ति का दुरूपयोग ना किया जाए।
• एक दल ने मांग की कि जो सामाजिक संगठन स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव की पैरवी और प्रचार करना चाहते हैं उनके पोस्टर्स को अनुमति प्रदान की जाए।
• एक राजनैतिक दल ने एक विशेष राजनैतिक दल द्वारा भामाशाह योजना से संबंधित कार्ड पर पार्टी का चिन्ह दर्शाए जाने का मुद्दा उठाया।
• एक राजनैतिक दल ने आदर्श आचार संहिता के दौरान गैर आरएएस कैडर से आईएएस में पदोन्नति का मुद्दा उठाया।
. ईवीएम का मुद्दा
• कुछ दलों ने चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट इस्तेमाल की जाने वाली पहल का स्वागत किया और चुनाव आयोग से आग्रह किया कि इसकी कार्यप्रणाली के बारे में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को जागरूक किया जाए।
• एक राजनैतिक दल जानना चाहता था कि वीवीपैट पिं्रट पर्ची की लाइफ कितनी है। आयोग ने बताया कि यह पर्चियां 5 साल तक रहती हैं।
. खर्चे पर निगाह
• कुछ राजनैतिक दलों ने मांग की कि शराब और धन वितरण की किसी भी आशंका को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
• कुछ राजनैतिक दलों ने आग्रह किया कि चुनाव आयोग निर्वाचन की प्रक्रिया या चुनाव के बाद जब्त किए गए किसी भी तरह के सामान को छुड़ाने के लिए उचित प्रक्रिया और दिशा-निर्देश जारी करे।
• एक दल ने निर्वाचन बॉन्ड स्कीम का मुद्दा उठाया।
• राजनैतिक दलों द्वारा स्थैतिक निगरानी दलों द्वारा जन सामान्य को परेशान किये जाने के मुद्दे को उठाया गया तथा अनुरोध किया गया कि निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग के अंतर्गत जो जब्ती की कार्यवाही की जाती हैं, उसको मुक्त करवाने की प्रक्रिया सरल की जाये।
• राजनैतिक दलों ने प्रचार-प्रसार के लिए एक से अधिक वाहन की पूरे राज्य के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया।
एमसीएमसी/मीडिया
• कुछ राजनैतिक दलों ने आयोग से आग्रह किया कि चुनाव अधिकारियों को इस बाबत दिशा-निर्देश दिए जाएं कि राजनैतिक विज्ञापनों के प्री सर्टीफिकेशन के उनके आवेदन का समयबद्ध निस्तारण किया जाए।
• कुछ राजनैतिक दलों ने आयोग का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि कुछ निजी मीडिया उनके दल के कार्यक्रमों और नीतियों को दिखाने में भेदभाव बरत रहे हैं। इन निजी मीडिया को सभी राजनैतिक दलों को समान जगह/समय दिए जाने के लिए निर्देशित किया जाए।
आयोग के निर्देश ः-
1- आयोग ने राजनैतिक दलों की चिन्ताओं और सुझावों को नोट करते हुए राज्य निर्वाचन मशीनरी को, राजनैतिक दलों की चिन्ताओं का समाधान करने तथा मतदाताओं में अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए विश्वास जागृत करने के लिए, सभी स्तरों पर प्रभावी पर्यवेक्षण एवं सतर्कता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि प्रत्येक मतदाता बिना किसी डर, प्रलोभन या दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम हो।
2- आयोग ने आदर्श आचार संहिता के सख्त अनुपालन और इस संबंध में प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर निष्पक्ष कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्य बातेंं ः-
1- राज्य विधानसभा निर्वाचन में पहली बार एक्सेसबिलिटी आब्जर्वर की नियुक्ति की गई है। आयोग ने राज्य में सामान्य, व्यय और पुलिस आब्जर्वर तैनात किये हैं।
2- आयोग ने ऎसे पोलिंग बूथ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं जो पूर्णतः महिला प्रबंधित होगें। जिनमें सुरक्षा कर्मीं भी महिलाएँ होेगी।
3- सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आयोग ने उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा उनके आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में दायर किए जाने वाले हलफनामों के संशोधित प्रारूप और प्रश्नोत्तरी जारी कर दिया है। उन्हें समाचार पत्रों और टी.वी. में कम से कम तीन अवसरों पर निर्दिष्ट प्रारूप में ऎसे विवरण प्रकाशित करवाने होंगे।
4- आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और निर्वाचन अपराधों पर बारीक नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल एप लॉन्च किया है। इस ऎप के माध्यम से कोई भी नागरिक आदर्श आचार संहिता के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकेंगे। जिसका समयबद्ध तरीके से हल किया जाएगा।
5- राज्य के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के सभी 51963 मतदान केन्द्रों में पहली बार ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा।
निर्वाचक नामावली ः-
1- आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि डाक मतपत्र प्रणाली सुव्यवस्थित हो।
2- ईटीपीबीएस रू सेवा नियोजित मतदाताओं के डाक मतपत्रों को प्रेषित करने के लिए राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों (200 निर्वाचन क्षेत्र) को ईटीपीबीएस में शामिल किया गया है।
मतदान केन्द्र ः-
1- वर्तमान में कुल 51,963 मतदान केन्द्र, (जिसके अंतर्गत 167 सहायक मतदान केन्द्र भी है) 36,172 मतदान स्थलों पर हैं।
2- सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाता सहायता बूथ स्थापित किया जाएगा।
ईवीएम और वीवीपैट
1- ईवीएम और वीवीपैट के उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं और चलते रहेंगे।
कानून और व्यवस्था ः सुरक्षा प्रबंधन ः-
1- आयोग ने राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की और राज्य प्रशासन व पुलिस को कानून व्यवस्था और सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए जिसमें एनबीडब्ल्यू (गैर जमानता वारंट) का निष्पादन तथा असामाजिक तत्वों का चिन्हांकन भी सम्मिलित है।
व्यय निगरानी ः-
1- आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान धन/टोकन और उपहार वितरण और शराब व नशीले पदार्थो के दुरूपयोग को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी उपक्रम ः-
1- समाधान (सार्वजनिक शिकायत निवारण और पर्यवेक्षण प्रणाली) सुविधा (एकल खिड़की अनुमति प्रणाली) और सुगम (वाहन प्रबंधन प्रणाली) का उपयोग निर्वाचन के दौरान किया जाएगा।
2- वेबकास्टिंग ः- स्वतंत्र व निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी।
सुगम निर्वाचन ः-
1- दिव्यांग मतदाताओं का डेटाबेस बनाया गया है और मतदान केन्द्र के साथ ऎसे मतदाताओं को दर्ज और चिन्हित किया जाएगा और उनकी पहचान कर उन्हें विशेष सहायता प्रदान की जाएगी। दृष्टि बाधित मतदाताआें की सुविधा के लिये ब्रेल लिपि में डमी बेलेट शीट भी मतदान केन्द्रों में रखी जायेगी।
स्वीप ः-
1- नैतिक और जागरूक मतदान सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने संचार के सभी तरीकों से समावेशित, सहभागितापूर्ण और वीवीपीएटी पर जागरूकता के लिए स्वीप अभियान का आयोजन करने के लिए निर्देश दे दिए हैं।
आयोग, निर्वाचन की शुद्धता बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी निर्वाचन आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय निर्वाचन मशीनरी को किसी भी प्रभाव आदि से भयमुक्त, निष्पक्ष, तटस्थ और स्वतंत्र रहने के निर्देश दिए हैं। आयोग, हाथ से हाथ मिलाकर और प्रक्रिया में पूर्ण हृदय से भाग लेने के लिए सभी राजनीतिक दलों, मीडिया संगठनों, सिविल सोसायटी, युवा व सामाजिक संगठनों और राजस्थान के सभी मतदाताओं के सक्रिय समर्थन का आव्हान करता है।