नयी दिल्ली:भाषा: फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की मौजूदगी में जोर दिया कि दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सभी दलों में सहमति है और फ्रांस के साथ संबंधों का ग्राफ सिर्फ ऊंचा ही जाता है, चाहे सरकार किसी की हो। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस वक्तव्य में कहा, ‘‘ रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और उच्च प्रौद्योगिकी में भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय सहयोग का इतिहास बहुत लम्बा है।
दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंधों के बारे में सभी दलों में सहमति है। सरकार किसी की भी हो, हमारे संबंधों का ग्राफ़ सिर्फ़ और सिर्फ़ ऊँचा ही जाता है।’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के बीच विस्तृत बातचीत के बाद भारत और फ्रांस ने सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा के साथ-साथ गोपनीय सूचनाओं के संरक्षण जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते किए। दोनों देशों के बीच 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये।
दोनों नेताओं की मौजूदगी में शिक्षा, पर्यावरण, शहरी विकास और रेलवे के क्षेत्र में भी करार किए गए हैं। मैक्रों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों का रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत सहयोग है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और फ्रांस ने आतंकवाद और कट्टरता से निपटने के लिये के मिलकर काम करने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण है। मोदी और मैक्रों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की।कल रात भारत पहुंचे मैक्रों का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक तौर पर स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी आगवानी की ।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ फ्रांस और भारत की एक मंच पर उपस्थिति एक समावेशी, खुले, और समृद्ध व शान्तिमय विश्व के लिए सुनहरा संकेत है। हमारे दोनों देशों की स्वायत्त और स्वतंत्र विदेश नीतियाँ सिर्फ अपने-अपने हित पर ही नहीं, अपने देशवासियों के हित पर ही नहीं, बल्कि सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को सहेजने पर भी केंद्रित है।’’ उन्होंने कहा कि आज वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए यदि कोई दो देश कंधे से कंधा मिला कर चल सकते हैं, तो वे भारत और फ्रांस हैं ।मोदी ने कहा, ‘‘ आज की हमारी बातचीत में जो निर्णय लिए गए, उनका एक परिचय आपको अभी हुए समझौतों में मिल गया है। और इसलिए, मैं सिर्फ़ तीन विशिष्ठ विषयों पर अपने विचार रखना चाहूँगा।’’ उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के संबंध बहुत गहन हैं, और भारत, फ्रांस को सबसे विश्वस्त रक्षा साझेदारों में एक मानता है। दोनों देशों की सेनाओं के सभी अंगों के बीच विचार-विमर्श और युद्ध अभ्यासों का नियमित रूप से आयोजन होता है। रक्षा उपकरणों और उत्पादन में दोनों देशों के संबंध मजबूत हैं।