नयी दिल्ली : पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए वहां गईं उनकी पत्नी के जूतों में चिप, कैमरा या रिकॉर्डर लगे होने के ‘मूर्खतापूर्ण’ आरोपों को लेकर भारत ने आज पाकिस्तान को खरी खरी सुनाई और कहा कि जाधव के परिवार वालों के साथ ‘अशिष्ट’ व्यवहार कर इस्लामाबाद ने धोखा किया है। इस्लामाबाद में 25 दिसंबर को जाधव की उनकी मां और उनकी पत्नी से हुई मुलाकात के बारे में उच्च सदन में एक बयान देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि 22 माह बाद एक मां की अपने बेटे से और एक पत्नी की अपने पति से होने वाली भावपूर्ण भेंट को पाकिस्तान ने एक दुष्प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
सुषमा के बयान के बाद उच्च सदन में सभी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए, उनके मंगलसूत्र, बिंदी सहित उनके गहने उतरवा लिए। सुषमा के अनुसार, जाधव की मां ने उन्हें बताया कि जब वह अपने बेटे के सामने पहुंचीं तो उन्हें बिना बिंदी चूड़ी मंगलसूत्र के देखने पर जाधव ने पहला सवाल किया ‘‘बाबा कैसे हैं।’’ सुषमा ने कहा, जाधव की मां के मुताबिक, उन्हें बिना बिंदी चूड़ी मंगलसूत्र के देख कर उनके पुत्र को लगा कि कहीं कोई अनहोनी न हो गई हो। हिंदू महिलाएं पति की मौत के बाद आम तौर पर मंगलसूत्र, बिंदी, सिंदूर का उपयोग नहीं करतीं।
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत के उप उच्चायुक्त जाधव के परिवार के साथ इस मुलाकात के लिए गए थे। उनको बिना बताए परिवार वालों को पिछले दरवाजे से बैठक के लिए ले जाया गया जिससे उप उच्चायुक्त देख नहीं पाए कि जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवा कर और बिंदी चूड़ी मंगलसूत्र उतरवा कर ले जाया जा रहा है। सुषमा ने कहा कि जाधव की पत्नी के जूते मुलाकात के पहले उतरवा कर उन्हें चप्पल पहनाई गई थी। मुलाकात के बाद बार बार मांगने पर भी उनके जूते नहीं लौटाए गए। उन्होंने कहा ‘‘लगता है कि पाकिस्तानी अधिकारी इसमें भी कोई शरारत करने वाले हैं जिसके बारे में हमने उन्हें कल भेजे गए एक वर्बल नोट में सचेत कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तानी अधिकारी कह रहे हैं कि जूतों में चिप, कैमरा या रिकॉर्डर लगा था। ये आरोप सत्यता से पूरी तरह परे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं की दिल्ली, दुबई और पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी जांच हुई और इन हवाईअड्डों पर सुरक्षा जांच के दौरान ऐसे किसी उपकरण का पता नहीं चला।
विदेश मंत्री ने बयान में कहा ‘‘हालांकि पाकिस्तान जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात को मानवतापूर्ण संकेत के तौर पर प्रदर्शित कर रहा था लेकिन सच तो यह है कि मानवता और सद्भाव के नाम पर हुई इस मुलाकात में से मानवता भी गायब थी और सद्भाव भी। ’’ सुषमा ने कहा कि इस मुलाकात में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया और उन्हें भयभीत करने वाला वातावरण वहां पैदा किया गया, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
उन्होंने कहा ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि पूरा सदन और सदन के माध्यम से भारत के लोग एक स्वर में पाकिस्तान के इस अप्रिय व्यवहार की निंदा करेंगे तथा जाधव के परिवार के साथ दृढ़ता से एकजुटता दिखाएंगे।’’ सुषमा ने कहा ‘‘हमने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव के पक्ष में एक याचिका दायर की। इस याचिका के फलस्वरूप हम अस्थायी तौर पर उनकी मृत्युदंड की सजा रूकवाने में सफल रहे। यह मृत्युदंड जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उपहास भरे तरीके से चलाए गए मुकदमे में सुनाया गया था। उनके जीवन पर मंडरा रहे खतरे को अभी टाल दिया गया है और हम अधिक मजबूत तर्कों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा स्थायी राहत दिए जाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
विदेश मंत्री ने बताया ‘‘जाधव की मां और पत्नी ने मुझे बताया कि जाधव बेहद तनाव में दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि वह दबाव में बोल रहे हैं। बातचीत आगे बढ़ने पर यह साफ हो गया कि उन्हें कैद करने वालों ने उनको जो सिखा पढ़ा कर भेजा था वह वही बोल रहे थे और इसका उद्देश्य उनकी तथाकथित गतिविधियों की झूठी कहानी को सही सिद्ध करना था। उनकी बोलचाल और हावभाव से पता चल रहा था कि वह पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं हैं।’’ सुषमा के बयान से पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में है। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे जाधव के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, बयान देते समय संयंम बरतें। इस मुद्दे पर सभी दलों के सदस्यों ने सरकार का समर्थन किया। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जाधव की मां और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार देश के 130 करोड़ भारतीयों की मां और पत्नियों के साथ दुर्व्यवहार है।
उन्होंने कहा ‘‘हम माताओं, बहनों और देश की मर्यादा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को यह भरोसा दिलाना चाहिए कि पाकिस्तान अपनी हिरासत में रह रहे जाधव की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। सपा के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जदयू के हरिवंश, बीजद के दिलीप तिर्की, माकपा के तपन कुमार सेन, तेदेपा के टी देवेन्द्र गौड़, बसपा के वीर सिंह, द्रमुक के तिरूचि शिवा, भाकपा के डी राजा, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा, आईएमएल के अब्दुल वहाब, शिवसेना के संजय राउत, भाजपा के भूपेन्द्र यादव और आरपीआई के रामदास अठावले ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया। सभापति नायडू ने कहा कि पूरा सदन सरकार के प्रयासों की सराहना करता है और सरकार से जाधव की सुरक्षित रिहाई के लिए कदम उठाने की अपील करता है। उन्होंने सरकार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताने के लिए भी कहा कि पाकिस्तान ने अमानवीय तरीके से आचरण किया।