– भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017 जारी, आंध प्रदेश एकर्नाटक और केरल में वन क्षेत्रों में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज
delhi. केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने देश में वनाच्छादित क्षेत्रों में हो रही वृद्धि के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि पिछले एक दशक में दुनिया भर में जहां वन क्षेत्र घट रहे हैं वहीं भारत में इनमें लगातर बढोतरी हो रही है। डॉण् हर्ष वर्धन ने आज यहां ष्भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017 जारी करते हुए कहा कि वन क्षेत्र के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब है जबकि बाकी 9 देशों में जनसंख्या घनत्व 150 व्यक्तिध्वर्ग किलोमीटर है और भारत में यह 382 व्यक्तिध्वर्ग किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि भारत के भू.भाग का 24ण्4 प्रतिशत हिस्सा वनों और पेड़ों से घिरा हैए हालांकि यह विश्व के कुल भूभाग का केवल 2ण्4 प्रतिशत हिस्सा है ओर इनपर 17 प्रतिशत मनुष्यों की आबादी और मवेशियों की 18 प्रतिशत संख्या की जरूरतों को पूरा करने का दवाब है।
डॉण् हर्ष वर्धन ने कहा कि वनों पर मानवीय आबादी और मवेशियों की संख्या के बढ़ते दवाब के बावजूद भारत अपनी वन सम्पदा को संरक्षित करने और उसे बढ़ाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत को दुनिया के उन 10 देशों में 8 वां स्थान दिया गया है जहां वार्षिक स्तर पर वन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज हुई है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉण् हर्ष वर्धन ने कहा कि ताजा आकलन यह दिखाता है कि देश में वन और वृक्षावरण की स्थिति में 2015 की तुलना में 8021 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसमें 6ए778 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि वन क्षेत्रों में हुई हैए जबकि वृक्षावरण क्षेत्र में 1243 वर्ग किलोमीटर की बढोत्तरी दर्ज की गई है। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वनों और वृक्षावरण क्षेत्र का हिस्सा 24ण्39 प्रतिशत है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसमें सबसे उत्साहजनक संकेत घने वनों का बढ़ना है। घने वन क्षेत्र वायुमंडल से सर्वाधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड सोखने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि घने वनों का क्षेत्र बढ़ने से खुले वनों का क्षेत्र भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने में वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया गया है।
राज्यों में वनों की स्थिति के राज्यवार आंकड़े पेश करते हुए डॉण् हर्ष वर्धन ने कहा कि इस मामले में आंध्र प्रदेशए कर्नाटक और केरल का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। आंध्र प्रदेश में वन क्षेत्र में 2141 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुईए जबकि कर्नाटक 1101 किलोमीटर और केरल 1043 वर्ग किलोमीटर वृद्धि के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर रहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के हिसाब से मध्य प्रदेश के पास 77414 वर्ग किलोमीटर का सबसे बड़ा वन क्षेत्र हैए जबकि 66964 वर्ग किलोमीटर के साथ अरूणाचल प्रदेश और छत्तसीगढ क्रमशरू दूसरे व तीसरे स्थान पर है। कुल भू.भाग की तुलना में प्रतिशत के हिसाब से लक्षद्वीप के पास 90ण्33 प्रतिशत का सबसे बड़ा वनाच्छादित क्षेत्र है। इसके बाद 86ण्27 प्रतिशत तथा 81ण्73 प्रतिशत वन क्षेत्र के साथ मिजोरम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह क्रमशरू दूसरे व तीसरे स्थान पर है। डॉण् हर्ष वर्धन ने वन रिपोर्ट तैयार करने को एक बड़ा काम बताते हुए कहा कि वर्ष 2019 में जारी की जाने वाली अगली रिपोर्ट के लिए काम अभी से शुरू कर दिया गया है।
केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु राज्य मंत्री डॉण् महेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि रिपोर्ट तैयार करने के दौरान 1800 स्थानों का व्यक्तिगत रूप से और वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण किया गया। उन्होंने समाज और मीडिया से वन क्षेत्रों के संरक्षण जैसे बड़े काम में पूरा सहयोग देने की अपील की।