delhi. भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसने नाविकों के फेशियल बायोमैट्रिक डेटा का संग्रह कर बायोमैट्रिक नाविक पहचान दस्तावेज (बीएसआईडी) जारी किए है। केन्द्रीय शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में इस परियोजना को लांच किया। उन्होंने पांच भारतीय नाविकों को नए बीएसआईडी कार्ड सौंपे।
नई फेशियल बायोमैट्रिक तकनीक दो अंगुली या आंख की पुतली आधारित बायोमैट्रिक डेटा से बेहतर है। इसमें आधुनिक सुरक्षा उपाय भी है। इससे एसआईडी कार्ड प्राप्त नाविक की पहचान अधिक विश्वसनीय होगी और इससे नाविक की गरीमा एवं निजता भी सुरक्षित होगी। भारत ने आईएलओ में इस तकनीक पर आधारित एक प्रस्तुति दी थी।
इस अवसर पर श्री मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। तटीय पोत परिवहन अंतर-देशीय जलमार्ग और अन्य समुद्री गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग में भारतीय नाविकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। भारत या विदेश में रोजगार पाने वाले भारतीय नाविकों की संख्या 2017 में 1,54,349 थी जो इस वर्ष 2,08,799 हो गई है। इसमें 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
नया पहचान पत्र बीएसआईडी पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के समझौता संख्या-185 के अनुरूप है। भारत ने अक्टूबर, 2015 में इस समझौते पर सहमति व्यक्त की थी।