India should be worried about China's penetration: Shyam Saran

जयपुर। पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा है कि चीन जो पैठ बना रहा है उसको लेकर भारत को चिंतित होना चाहिए और बीजिंग के उदय एवं ‘एकतरफा आक्रमकता’ के मुकाबले के लिए अमेरिका, जापान और वियतनाम जैसे देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।उन्होंने कहा कि आज के समय में कूटनीति के लिए चुनौती यह है कि ऐसी विदेश नीति कैसे तय की जाए जो राजनीतिक सीमाओं का सम्मान करती हो और ऐसी समानता लाए जो भारत के लिए तर्कसंगत, एकजुट सुरक्षा नजरिए की बुनियाद हो।सरन जयपुर साहित्य उत्सव में कल ‘इंडिया एंड वर्ल्ड’ विषय पर आयोजित सत्र में कल बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि चीन एक बड़ी ताकत के रूप में सामने आया है, चाहे वह आर्थिक क्षमताओं की बात हो, सैन्य क्षमताओं की बात हो या फिर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी क्षमताओं की बात हो।’’ पूर्व राजनयिक ने कहा, ‘‘ हमारे पड़ोस में चीन जो पैठ बना रहा है उसको लेकर हमें चिंतित होने की जरूरत है। नेपाल में तिब्बत से सड़कें आ रही हैं जो पूर्व-पश्चिम राजमार्ग को जोड़ रही हैं, जबकि नेपाल के साथ भारत का संपर्क अच्छी स्थिति में नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि नेपाल में नयी सरकार आने के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।सरन ने कहा, ‘‘मैं चीन के बढ़ते प्रभावों को लेकर काफी चिंतित हूं। यह चिंता चीन के उदय को लेकर बहुत ज्यादा नहीं है, बल्कि यह उसकी एकतरफा आक्रमकता को लेकर ज्यादा है। हमें उसकी एकतरफा आक्रामकता की चुनौती से निपटने के लिए जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’

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