लंदन। ब्रिटेन की अदालतों में शराब कारोबारी विजय माल्या और कथित सटोरिये संजीव कुमार चावला से जुड़े दो आला दर्जे के प्रत्यर्पण मामलों में भारत सरकार आगे बढ़ने को तैयार है। पिछले सप्ताह एक सुनवाई में भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश किये गये साक्ष्यों की स्वीकार्यता के मुद्दे पर अधूरा रहा माल्या का मामला यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में 22 जनवरी को वापस आएगा। माल्या का बचाव दल प्रथमदृष्टया एक मजबूत मामला नहीं होने का दावा करते हुए अपनी दलीलें पूरी करेगा और भारत सरकार की ओर से पक्ष रख रही क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) सबूतों के पक्ष में अपनी दलीलें रखेगी जिसके बाद जज एम्मा आर्बथनॉट इस मुद्दे पर फैसला सुना सकती हैं।प्रत्यर्पण वारंट पर 62 वर्षीय माल्या की जमानत को दो अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। वह करीब 9000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों में भारत में वांछित हैं।
आगामी सप्ताहों में होने वाली सुनवाइयों में मामले में दलीलें समाप्त करने और फैसले के लिए समयसीमा तय होने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि भारत ने सुनवाई के दौरान न्यायाधीश द्वारा मांगे गये सभी स्पष्टीकरण पेश कर दिये हैं। इसमें नियमित मेडिकल सहायता का ब्योरा भी शामिल है जो माल्या को मुंबई की आर्थर रोड जेल में उपलब्ध कराई जाएगी जहां उन्हें रखा जाना है।केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रीजीजू ने पिछले सप्ताह ब्रिटेन की यात्रा के दौरान माल्या मामले के संदर्भ में कहा था, ‘‘बचाव पक्ष के वकील केवल मामले को लटकाने के लिए मुद्दे उठा रहे हैं। हमने सारी तैयारी और हमारी ओर से जो भी जरूरी है सब पूरा कर लिया है।’’ उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि भारत ने प्रत्यर्पण के 14 लंबित मामलों का मुद्दा उठाया है जिसमें क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले के प्रमुख आरोपी चावला का मामला भी शामिल है। मैच फिक्सिंग का यह मामला साल 2000 में पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोंजे से जुड़ा है।