नयी दिल्ली: श्रीलंका का इस साल के शुरू में उसकी सरजमीं पर सूपड़ा साफ करने वाला भारत अगर तीन टेस्ट मैचों की आगामी श्रृंखला में भी अपने इस प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बरकरार रखकर क्लीन स्वीप करता है तो वह स्वदेश में जीत का सैकड़ा पूरा करने वाला तीसरा देश बन जाएगा। यही नहीं इससे विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तानों की सूची में दूसरे स्थान पर भी काबिज हो जाएंगे। भारत ने इस साल जुलाई-अगस्त में श्रीलंका को तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 3-0 से हराया था और 16 नवंबर से कोलकाता में शुरू होने वाली आगामी श्रृंखला में भी कोहली की अगुवाई वाली टीम को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियां ही नहीं रिकार्ड भी भारत के पक्ष में है।
भारतीय टीम ने अब तक श्रीलंका से अपनी सरजमीं पर एक भी टेस्ट मैच नहीं गंवाया है और एक बार पहले भी वह श्रीलंका के खिलाफ स्वदेश में क्लीन स्वीप (1993-94 में) कर चुका है। भारत अगर तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में फिर से श्रीलंका का सूपड़ा साफ करने में सफल रहता है तो उसकी घरेलू सरजमीं पर जीत की संख्या 100 पर पहुंच जाएगी और यह उपलब्धि हासिल करने वाला वह आस्ट्रेलिया (234) और इंग्लैंड (212) के बाद केवल तीसरा देश होगा।
भारत ने अब तक अपनी सरजमीं पर 261 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से 97 में उसे जीत और 52 में हार मिली है जबकि 111 मैच ड्रा और एक टाई रहा है। अभी स्वदेश में सर्वाधिक जीत के रिकार्ड में भारत चौथे स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी सरजमीं पर 98 जीत दर्ज की हैं लेकिन उसे दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक अपनी धरती पर कोई टेस्ट मैच नहीं खेलना है।
श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला का पहला मैच 16 नवंबर से कोलकाता में शुरू होगा जबकि अगले दो मैच नागपुर और नयी दिल्ली में खेले जाएंगे। श्रीलंका अब तक भारत में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता है। उसने भारतीय सरजमीं पर 17 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से भारत ने दस में जीत दर्ज की जबकि बाकी सात ड्रा रहे। इन दोनों टीमों के बीच भारत में आखिरी टेस्ट श्रृंखला 2009 में खेली गयी थी।भारतीय सरजमीं पर अब तक जो 261 टेस्ट खेले गये हैं उनमें से 149 मैचों का परिणाम निकला है। इंग्लैंड में सर्वाधिक 334 टेस्ट मैचों का परिणाम निकला है। उसके बाद आस्ट्रेलिया (331), दक्षिण अफ्रीका (166) और भारत का नंबर आता है। भारत ने अपनी सरजमीं पर अभी तक जो 97 मैच जीते हैं उनमें से 48 मैच में उसने वर्तमान सदी (एक जनवरी 2001 से) में विजय हासिल की। इक्कीसवीं सदी में अभी तक केवल तीन देश इंग्लैंड (67), आस्ट्रेलिया (66) और दक्षिण अफ्रीका (50) ही अपनी धरती पर जीत का अर्धशतक पूरा कर पाये हैं।
श्रीलंका के नाम भी इस श्रृंखला में एक ऐसा रिकार्ड दर्ज हो जाएगा जिसे पर उसे कतई नाज नहीं होगा। एक मैच में हार से उसका टेस्ट मैचों में पराजय का सैकड़ा पूरा हो जाएगा। श्रीलंका ने अब तक 264 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से 99 उसने गंवाये हैं। एक और हार से वह 100 या इससे अधिक टेस्ट मैच गंवाने वाली दुनिया की आठवीं टीम बन जाएगी। टेस्ट खेलने वाले देशों में अभी श्रीलंका के अलावा जिम्बाब्वे और बांग्लादेश ही इस सूची में शामिल नहीं हैं। इन तीनों टीमों को टेस्ट दर्जा काफी बाद में मिला था। कोहली भी कप्तान के रूप में आगामी श्रृंखला में एक नयी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। अगर उनकी अगुवाई में टीम क्लीन स्वीप करती है तो वह भारत के सबसे सफल कप्तानों की सूची में महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरे स्थान पर काबिज हो जाएंगे। कोहली की कप्तानी में भारत ने अब तक 29 टेस्ट मैचों में से 19 में जीत दर्ज की तथा वह धोनी (60 टेस्ट में 27 जीत) और सौरव गांगुली (47 टेस्ट में 21 जीत) के बाद तीसरे नंबर पर हैं।
इसके अलावा कोहली 20 या अधिक टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करने वाले दुनिया के 19वें कप्तान भी बन जाएंगे उन्हें हालांकि दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (109 टेस्ट में 53 जीत) के रिकार्ड तक पहुंचने के लिये अभी लंबा रास्ता तय करना होगा। यही नहीं कोहली के पास भारतीय सरजमीं पर भी सर्वाधिक टेस्ट जीतने वाले कप्तानों की सूची में भी दूसरे स्थान पर पहुंचने का मौका रहेगा। अभी धोनी (30 मैचों में 21 जीत) और मोहम्मद अजहरूद्दीन (20 मैचों में 13 जीत) उनसे आगे हैं। कोहली के नेतृत्व में भारत ने स्वदेश में 16 टेस्ट मैचों में से 12 में जीत दर्ज की है।