जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि अरथूना के प्राचीन मंदिर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं। पर्यटन की दृष्टि से इनका विशेष महत्व भी है। इनके संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से चर्चा की जायेगी। राजे बुधवार को बांसवाड़ा के अरथूना मंदिर में दर्शन करने के बाद वहां उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यहां पहली बार अरथूना महोत्सव आयोजित होने से पर्यटन की नई संभावनाएं पैदा हुई हैं।
यहां आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं के लिए पाथ-वे एवं अन्य सुविधाओं पर 23 लाख रुपये व्यय किए गये हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने 10वीं शताब्दी के अरथूना मंदिर संकुल में स्थित हनुमान एवं शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने यहां मौजूद करीब सौ संतों को शाॅल व श्रीफल भेंट किये और चरण छूकर आशीर्वाद लिया। उन्हांेने कहा कि संत-महात्माओं के आशीर्वाद से ही उन्नति और अमन का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्यमंत्री सुशील कटारा, विधायक जीतमल खांट सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।