कोच्चि। फीफा के किसी टूनार्मेंट की पहली बार मेजबानी के बाद देश में फुटबाल की बढी हुई लोकप्रियता को भुनाने की कवायद में इंडियन सुपर लीग के चौथे सत्र का कल आगाज होगा जिसमें नये रूप में अधिक टीमें और घरेलू खिलाड़ी अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ने को बेताब होंगे । आईएसएल अब चार महीने तक खेला जायेगा जबकि पिछले तीन सत्र में यह दो महीने तक ही चलता था । गत चैम्पियन एटीके और केरला ब्लास्टर्स कल यहां शुरूआती मैच खेलेंगे । इसी मैदान पर 2016 में फाइनल खेला गया था जिसमें केरला ब्लास्टर्स को एटीके ने हराया था । देश की शीर्ष फुटबाल लीग के विजेता को एएफसी कप में सीधे प्रवेश मिलेगा । अब देखना यह है कि पिछले महीने अंडर 17 विश्व कप की मेजबानी से फुटबाल में लोगों की दिलचस्पी जो बढी है, उसका यह लीग कितना फायदा उठा सकती है । इस सत्र में दो नयी टीमें टाटा समूह की जमशेदपुर एफसी और बेंगलूरू एफसी को भी जोड़ा गया है ।
बेंगलूरू ने आईलीग छोड़कर आईएसएल में प्रवेश किया है । क्रिकेट के दीवाने देश में फुटबाल को लोकप्रिय बनाने की कवायद में शुरू की गई आईएसएल को एशियाई फुटबाल परिसंघ से मान्यता मिलने के बाद उनका यह कदम उठाना लाजमी था । भारतीय फुटबाल में पेशेवरपन की मिसाल मानी जाने वाली बेंगलूरू एफसी आईलीग की सबसे सफल टीम रही है जिसने दो बार खिताब जीता और एक बार उपविजेता रही । इस बार आईएसएल में अधिक भारतीय खिलाड़ी, अधिक टीमें , अधिक मैच और अधिक समय है ।इसके अलावा इस बार मारकी खिलाड़ी के साथ करार की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है । इसी के तहत विश्व कप विजेता स्टार अलेजांद्रो देल पियारो, मार्को मातेराज्जी और राबर्टो कार्लोस इस लीग से जुड़े थे । आईएसएल में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या कम कर दी गई है लेकिन एटीके में अभी भी मैनचेस्टर युनाइटेड के पूर्व खिलाड़ी दमितार बरबातोव और टोटेनहाम हाट्सपर के पूर्व फारवर्ड राबी कीन शामिल हैं । अब फोकस घरेलू खिलाड़ियों पर आ गया है जिसके तहत छह भारतीयों को टीम में रखना जरूरी है । कोचों के मामले में अभी भी विदेशियों का बोलबाला है ।इनमें एटीके के कोच टैडी शेरिंघम और दिल्ली डायनामोस के कोच रीयाल मैड्रिड के पूर्व मिडफील्डर मिगुल एंजेल पोतुर्गाल शामिल हैं । अन्य टीमों में चेन्नइयिन एफसी, मुंबई सिटी एफसी, एफसी पुणे सिटी, नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी और एफसी गोवा शामिल है ।फाइनल 17 मार्च को कोलकाता में खेला जायेगा ।