जयपुर। दिव्यांगजनों के लिए राजस्थान में देश का पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर के दूसरे चरण के शुभारंभ के मौके पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल्द ही 25 हजार तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती करने की भी घोषणा की।
इस समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्ममानववाद का संदेश देते हुए समाज के हर व्यक्ति को आगे बढ़ाने का संदेश दिया। समाज के हर व्यक्ति को कैसे अलग-अलग योजनाओं के जरिये लाभ मिले, जिससे वह सक्षम हो सके। इस सोच के साथ राजस्थान सरकार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए आत्मबल भी होना जरूरी है, आत्मबल अगर हो तो, आगे बढ़ने से किसी को भी रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार है कि जब दिव्यांगजनों के लिए चरणबद्ध तरीके से इस तरह से शिविर आयोजित किये जा रहे है। राज्य सरकार की मंशा है कि हर जिले में कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं से वंचित नहीं रहे। दिव्यांगों के मान-सम्मान और इज्जत में कोई कमी नहीं रहे, यह भी सरकार की मंशा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 दिसंबर 2017 में तीसरे चरण में दिव्यांगजनों को कृत्रिम उपकरण देने का कार्य का शुभारंभ होगा। साथ ही राज्य सरकार सांसद-विधायक कोष के जरिये इन शिविरों में दिव्यांगजनों को मोटरबाइक वाहन भी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा प्रदेश के विशेष योग्यजनों को मुख्य धारा में लाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।