बीकानेर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एशिया की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज महाजन में इन दिनों चल रहे भारत ब्रिटेन युद्धाभ्यास ‘अजेय वारियर 2017’ में दोनों देशों के सैन्य जांबाज विषम परिस्थितियेां में आंतकवादियों से सामना करने की तकनीकी बारीकियां सीख रहे हैं और साथ ही अत्याधुनिक हथियारों से भी रुबरु हो रहे हैं। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि भारतीय सेना और ब्रिटिश सेना के मध्य चौदह दिवसीय भारत ब्रिटेन संयुक्त सैन्य अभ्यास रेतीले धोरों के बीच चल रहा है साथ ही वे काउंटर टेररिज्म पर अपने अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि ब्रिटेन की प्रथम बटालियन रॉयल एंग्लिकन रेजिमेंट को अफगानिस्तान और इराक में अपना युद्ध कौशल दिखाने का अनुभव है। इन्हीं अनुभवों को दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस युद्वाभ्यास में साझा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हालांकि ब्रिटेन और भारत की भौगोलिक परिस्थतियां अलग-अलग हैं लेकिन दोनों देशों का मुख्य लक्ष्य आंतक का सफाया करना ही है। गौरतलब है कि इस श्रंखला का प्रथम अभ्यास वर्ष 2013 में बेलगाम में एवं दूसरा युद्ध अभ्यास वर्ष 2015 में ब्रिटेन में आयोजित किया गया था। इसके बाद अब तीसरा संयुक्त युद्ध अभ्यास महाजन में 1 दिसंबर से शुरु हुआ और 15 दिंसबर तक चलेगा। इसमें भारतीय सेना की राजपूताना राइफल की 20 वीं बटालियन के 120 जवान, अधिकारी व ब्रिटिश सेना के एक सौ अधिकारी और जवान भाग ले रहे हैं।