जयपुर। इंडोनेशिया में फिर से सुनामी ने कहर बरपा है। एक ज्वालामुखी के फटने के बाद समुन्द्र के नीचे आए भूकम्प के चलते आई सुनामी ने इंडोनेशिया के कई कस्बों में भारी जन-धन की हानि पहुंचाई। रात के समय आई सुनामी और समुन्द्री की ऊंची लहरों ने कई सैकड़ों घरों, होटल, नावों को अपनी आगोश में ले लिया। जिससे तीन सौ से अधिक लोगों की मौत का अनुमान है और सैकड़ों लोग गंभीर घायल हो गए।
बहुत से लोग अभी भी लापता है। बचाव दल के सदस्य और परिवार के लोग लापता लोगों को ढूंढने में और मलबे में दबे लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। सुनामी से जावा और सुमात्रा द्वीप में सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है। बताया जाता है कि अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुन्द्र के नीचे काफी भू-स्खलन हुआ और भूकम्प भी आया, जिससे समुन्द्र में पचास से सत्तर फीट ऊंची लहरें उठने लगी और इन लहरों ने तटीय क्षेत्रों पर काफी नुकसान पहुंचाया। तूफान और लहरों से सैकड़ों इमारतें मलबे में तब्दील हो गई।
मलबे में दबने से काफी लोग मारे गए। बहुत से लापता हो गए। सुनामी एकदम से आई, जिससे लोगों को बताया भी नहीं जा सका। तीन महीने पहले भी सुनामी और भूकंप से इंडोनेशिया के ही सुलावेसी द्वीप में 832 लोगों की मौत हो गई थी।
2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा में आई सुनामी में तो दो लाख लोगों की मौत हो गई थी। भारत समेत कई देशों के तटीय क्षेत्रों में भी भारी जनधन की हानि हुई थी। हजारों लोग मारे गए थे।