जयपुर। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सिद्धार्थ महाजन ने एक आदेश जारी कर जयपुर जिले की राजस्व सीमाओं में (जयपुर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के अलावा) में शांतिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निषेधाज्ञा लागू की है, ताकि जिले के सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के मतदाता बिना किसी आतंक एवं भय के अपने संवैधानिक मतधिकार का प्रयोग कर सके। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित विधानसभा आम चुनाव 2018 के कार्यक्रम अनुसार निर्वाचन गतिविधियां चल रही है तथा सोमवार, 12 नवम्बर से नाम निर्देशन की प्रक्रिया आरम्भ हो रही है। ऎसे में निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया गया है, जो 12 नवम्बर 2018 की मध्य रात्रि से तत्काल लागू होकर 13 दिसम्बर 2018 तक प्रभावी रहेगा। उक्त निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय है।
आदेश के अनुसार नामांकन के दौरान किसी भी अभ्यर्थी को निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में तीन से अधिक वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कोई भी अभ्यर्थी स्वयं के अतिरिक्त 4 से अधिक व्यक्ति लेकर रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में प्रवेश नही करेगा। किसी भी परिस्थिति में वाहनों के काफिले में सुरक्षा वाहनों के अतिरिक्त एक साथ 10 से अधिक वाहन/कार शामिल नहीं होंगे। मतदान दिवस को कोई भी व्यक्ति जिसे आधिकारिक सुरक्षा प्रदान की गई है, वह मतदान केन्द्र के 100 मीटर की परिधि में अपने सुरक्षाकर्मी के साथ प्रवेश नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त मतदान दिवस को सुरक्षा प्राप्त वह व्यक्ति अपने सुरक्षामकर्मी के साथ निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण नहीं करेगा, यदि सुरक्षा प्राप्त वह व्यक्ति मतदाता है, तो वह व्यक्ति केवल मतदान के लिए अपने सुरक्षाकर्मी के साथ जा सकेगा। मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्र से सौ मीटर की परिधि के अंदर किसी भी तरह के मोबाइल फोन, सैल फोन, वायरलैस का उपयोग नहीं करेगा। यह प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
आदेश के अनुसार जयपुर के पुलिस आयुक्तालय (कमिश्नरेट) क्षेत्र के अलावा जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर सम्पूर्ण क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, आग्नेय अस्त्र-शस्त्र, जैसे – रिवाल्वर, पिस्टल, बंदूक, एम.एल गन, बी.एल. गन, आदि एवं अन्य हथियार जैसे गण्डासा, फर्सी, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारिया, बाघनख (शेर-पंजा) जो किसी धातु के शस्त्र के रूप में बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबंधित हथियार और मोटे घातक हथियार-लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, और न ही प्रदर्शन करेगा और न ही साथ में लेकर चलेगा।
उन्होने बताया कि यह आदेश ड्युटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्युटी में तैनात अद्र्धसैनिक बल, होमगार्ड एवं चुनाव ड्युटी में मतदान दलों में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परंपरा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट होगी। साथ ही यह आदेश शस्त्र अनुज्ञापत्र नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार शस्त्र निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्र पुलिस थाना में जमा कराने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा दिव्यांग एवं बीमार व्यक्ति जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते है, लाठी/ बैशाखी का उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए कर सकेंगें। राष्ट्रीय राईफल एसोसियेशन के वह सदस्य जो प्रतियोगिता की तैयारी एवं भाग लेने जा रहे है, उन पर भी यह आदेश लागू नही होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जयपुर जिले से बाहर का कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा में इस प्रकार के हथियारों को अपने साथ नहीं लायेगा, ना ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रयोग या प्रदर्शन करेंगा। कोई भी व्यक्ति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की स्वीकृति के बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी जुलूस, सभा, धरना, भाषण आदि का आयोजन नहीं करेगा एवं न ही संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना ध्वनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग किया जावेगा। ध्वनि प्रसारण यंत्र के लिए अनुमति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रसारण यंत्र के उपयोग के लिए दी जा सकेगी। ऎसे आयोजनों में कोई इस प्रकार का कृत्य नहीं करेगा जिससे यातायात व्यवस्था, जन व्यवस्था एवं जनशांति विक्षुब्ध हो। यह प्रतिबंध बारात एवं शवयात्रा पर लागू नहीं होगा।