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बड़ा रामद्वारा में विकास कार्यो का लोकार्पण, महात्मा गांधी से मिली ’निरोगी राजस्थान’ अभियान की प्रेरणा, 
चिकित्सा सहायता के लिए बड़ा रामद्वारा ट्रस्ट को 5 लाख रूपये देगी सरकार
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को संत नरसी मेहता का भजन “वैष्णव जन तो तैने कहिए जोपीड़ पराई जाणै रै” बहुत प्रिय था। दीन, हीन गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा गांधीजी की प्राथमिकता थी। उनके बताए रास्ते पर चलते हुए राज्य सरकार ’निरोगी राजस्थान’ अभियान चला रही है।
गहलोत ने सोमवार को जोधपुर के बड़ा रामद्वारा में विभिन्न विकास कायोर्ं के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य आमजन को बीमारियों की रोकथाम और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए जागरूक करना है। राज्य सरकार विभिन्न रोगों के इलाज के लिए निःशुल्क दवाइयां और जांच की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गौ-शालाओं के लिए अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बडा रामद्वारा में हुए विकास कार्यों के लिए पीठ के गादीपति श्री रामप्रसाद जी महाराज के अशीर्वाद से हुए हैं। उन्होंने कहा कि रामस्नेही सम्प्रदाय द्वारा हमेशा गरीब वर्ग, सभी धर्मों एवं समाज के विकास के लिए संदेश दिया जाता है। उन्होंंने लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए बड़ा रामद्वारा ट्रस्ट को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की।
श्री गहलोत ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के घूंघट में नहीं होने पर प्रसन्न्ता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि यहां बैठी किसी भी महिला ने घूंघट नहीं रखा है। यह राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे ’घूंघट हटाओ’ अभियान का परिचायक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आज जब मनुष्य चंद्रमा पर पहुंच गया है, महिलाओं को घूंघट प्रथा से मुक्त रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि वे बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित कर समाज में आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पहल पर हुए 73वें और 74वें संविधान संशोधन से स्थानीय प्रशासन में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हुई।
श्री गहलोत ने रामस्नेही संत मोहनदास मार्ग की पट्टिका और बड़ा रामद्वारा में विकास कार्यों का लोकार्पण किया। संत श्री रामप्रसाद ने साफा और शॉल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी पीठ में सेवा करने वाले भक्तों को शॉल ओढ़ाकर और साफा पहनाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को पूर्व सांसद श्री बद्रीराम जाखड़, पूर्व जेडीए चेयरमैन श्री राजेन्द्रसिंह सोलंकी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, विधायक श्री हीराराम मेघवाल, राजसीको के पूर्व चेयरमैन श्री सुनील परिहार, पूर्व महापौर श्रीमती ओमकुमारी गहलोत सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आमजन उपस्थित थे।

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