जयपुर। चित्तौड़ की महारानी पद्मावती और उनके साथ जौहर करने वाली 16,000 वीर महिलाएं शौर्य एवं साहस का प्रतीक है। ऐसी घटना इतिहास में शायद ही कभी हुई है। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म पद्मावती के रिलीज से पूर्व सिटी पैलेस में आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीया कुमारी ने यह बात कही। दीया कुमारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सम्पूर्ण देश को चित्तौड़ के इतिहास पर बेहद गर्व है। ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़-छाड़ करने अथवा इन्हें बदलने का कोई भी प्रयास देश की उन सभी महिलाओं का अपमान होगा जिन्होंने रानी पद्मावती और उसके साथ जौहर करने वाली बहादुर महिलाओं के बलिदान पर गर्व किया है।
वे ना केवल साहसी महिला थीं, बल्कि सदियों से महानता का प्रतिक भी रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी फिल्म निमार्ता को तथ्यों से छेड़-छाड़ की स्वतंत्रता नहीं है, देश के लोग इसे कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजमाता पद्मिनी देवी भी उपस्थित थी। उन्होंने कहा कि जब भंसाली ने पद्मावती फिल्म की शूटिंग शुरू की थी तो उन्होंने इस फिल्म को सर्वप्रथम हमें प्रदर्शित करने की सहमति दी थी। उन्होंने इस फिल्म के किसी भी गीत अथवा ट्रेलर को लॉन्च करने से पूर्व भी इसे हमारे समक्ष प्रदर्शित करने के लिए सहमति दी थी। हालांकि, अब वे अपने वादे से मुकर गए हैं। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि फिल्म में यदि रानी पद्मावती और अल्लाउद्दीन खिलजी के साथ वाले स्वप्न दृश्य को दिखाया जाएगा तो इसे राजस्थान में रिलीज होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रानी पद्मावती और अल्लाउद्दीन खिलजी, दोनों का एक साथ वाला प्रत्येक दृश्य फिल्म से हटा दिया जाना चाहिए। यदि भंसाली अपनी इस फिल्म में बदलाव करने और रिलीज से पूर्व हमें दिखाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो ही इस फिल्म के रिलीज पर विचार किया जाएगा।