जयपुर। अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) के अवसर पर राज्य के समस्त वित्त पोषित व निजी महाविद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों में राजस्थानी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थानी भाषा में वाद विवाद परिचर्चायें, निबन्ध और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को प्रोत्साहित करने तथा संवैधानिक मान्यता दिलाये जाने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राजस्थान विधानसभा ने वर्ष 2013 में राजस्थानी भाषा को संविधान की अनुसूची में शामिल करने के लिए संकल्प पत्र पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
भाटी ने कहा कि मातृभाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम होती है। इसी के माध्यम से मानव के व्यक्तित्व निर्माण विकास और उसकी सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनती है । राजस्थानी भाषा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गौरवमयी परम्परा को समाज के हर तबके तक पहुंचाने के प्रयास सरकार द्वारा किये जा रहे हैं।

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