जयपुर। नकली घी से जुडे मामले में निचली अदालत में सीबीआई की लापरवाही एवं कार्यप्रणाली के कारण ट्रायल में हुए देरी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस अहलुवालिया की एकलपीठ ने सीबीआई पर पचास हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने के आदेश दिये है। हाईकोर्ट ने हर्जानें की राशि दोषी अफसर से वसूल करने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार सीबीआई अदालत, जयपुर में चल रहे नकली घी से जुडे मामले में सीबीआई ने कुछ गवाहों का पुन: परीक्षण करने के लिए 13 मार्च, 2०12 को प्रार्थना पत्र पेश किया था। जिसे कोर्ट ने 14 मार्च को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ सीबीआई ने रिवीजन पेश की गई। बाद में गवाह के बयान लेने और अभियोजन पक्ष की साक्ष्य पूरी होने के कारण अपील कोर्ट ने रिवीजन को खाजिर कर दिया। 15 मार्च 2०17 को सीबीआई ने फिर नए सिरे से प्रार्थना पत्र पेश कर दिया।
हाईकोर्ट ने माना की सीबीआई की कार्यप्रणाली के कारण इस मुकदमें की सुनवाई में 5 साल की देरी हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष एवं जांच एजेंसियां की ओर से मुकदमों पर ध्यान नहीं देते के कारण लंबित मुकदमों का भार अदालतों पर पड रहा है।