नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में सत्ता को लेकर आंतरिक उथल पुथल उस समय तेज हो गई जब महासचिव राजीव मेहता ने 19 सदस्यों की मांग पर सात नवंबर को कार्यकारी परिषद की आपात बैठक बुलाई। मेहता ने कल राजधानी में 19 सदस्यों की बैठक के बाद उनके आग्रह पर परिषद की बैठक बुलाई है। इन 19 सदस्यों ने कार्यकारी परिषद की बैठक के स्थल में बदलाव की मांग की थी जो पहले नौ नवंबर को चेन्नई में हुई थी। इसके अलावा चेन्नई में 14 दिसंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक के स्थल में भी बदलाव की मांग की गई थी। इन दोनों बैठकों को नहीं दिल्ली में कराने का आग्रह किया गया था।
मेहता ने कहा, ‘‘मेरे पास 19 पदाधिकारियों और आईओए की कार्यकारी परिषद के सदस्यों का लिखित पत्र है जिसके जरिये उन्होंने दोनों बैठकों (नौ नवंबर को कार्यकारी परिषद की बैठक और 14 दिसंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक) के स्थान को बदलने की मांग की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने इच्छा जताई थी कि विभिन्न कारणों से ऐसी बैठकों का आयोजन चेन्नई में कराना सुविधाजनक नहीं है।’’ कार्यकारी परिषद की आपात बैठक 10 दिन के भीतर बुलाई जा सकती है। इससे पहले 23 अक्तूबर को आईओए अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने नौ नवंबर को चेन्नई में कार्यकारी परिषद की बैठक और 14 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक बुलाई थी। कार्यकारी परिषद के 19 सदस्यों की बैठक में यहां सात नवंबर को बुलाई गई बैठक के एजेंडे में अतिरिक्त चीजों को भी शामिल करने का फैसला किया गया। इसमें संविधान के प्रावधानों के अनुसार आईओए अध्यक्ष को बाहर करने के नोटिस पर चर्चा भी शामिल है जिसका प्रस्ताव हाकी इंडिया ने रखा है। इसके अलावा आईओए के सदस्यों की सूची को स्वीकृति देना तथा चुनाव प्रक्रिया के लिए संविधान के अनुसार चुनाव आयोग के सदस्यों/निर्वाचन अधिकारी का नामांकन शामिल है।