जयपुर। कुख्यात गैंगस्टर सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में मंगलवार को डिस्चार्ज हुए आईपीएस और एसओजी के आईजी दिनेश एमएन की गिनती राजस्थान के दबंग और ईमानदार अफसरों में होती है। दो दशक से अधिक सेवाकाल के दौरान दिनेश एमएन जिस क्षेत्र में भी रहे, वहां अपराध-अपराधियों पर तो लगाम लगी, साथ ही संगठित तौर पर सक्रिय माफिया गिरोहों को मिटाने में आगे रहे। इसी दबंगई और ईमानदारी छवि के चलते वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे। सरकार ने जो भी जिम्मा दिया, उसे बखूबी पूरा किया। चाहे जयपुर के पर्यटन माफिया गिरोह हो या डांग के डकैत, एसपी कार्यकाल के दौरान इन पर अकुंश लगाया। ट्रेनिंग के बाद करीब दो दशक पहले आईपीएस दिनेश एमएन की पहली पोस्टिंग जयपुर में हुई थी। प्रशिक्षु आईपीएस के दौरान दिनेश एमएन ने राजस्थान विश्वविद्यालय के हुडदंशी छात्र नेताओं व छात्रों पर ना केवल लगाम कसी थी, बल्कि छात्रसंघ चुनाव में होने वाली गुण्डागर्दी-हिंसा को रोका। उनकी दबंगई देख जयपुर में तो पर्यटन माफिया गिरोह के लोग जयपुर छोड़ कर चले गए। खून-खराबा खत्म हो गया। राजमार्गों पर पर्यटकों को जबरन होटलों पर ले जाकर उन्हें ठगने वाले लपकों का सफाया किया। हर उस पर्यटन माफिया या लपका गिरोह के सदस्य की जन्म-कुण्डली कागजों में तैयार की, जिन्होंने कभी ना कभी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की थी और कमीशनखोरी-अपराध जगत में सक्रिय थे। करौली में तो चुन-चुन कर अपराधियों और डकैती में लिप्त डकैतों-बदमाशों का जीना दूभर कर दिया। उदयपुर में चौथ-वसूली में सक्रिय गिरोह पर लगाम लगाई। गुजरात के गैंगस्टर सोहराबुद्दीन, तुलसी प्रजापति व दूसरे अपराधियों का खासा खौफ मार्बल व्यवसासियों में था। उदयपुर एसपी रहते हुए दिनेश एमएन ने चौथ वसूली गिरोह के इन बदमाशों को सबक सिखाया। पुलिस एनकाउंटर में ये मारे भी गए। हालांकि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में आरोपी बनाए जाने से दिनेश एमएन व दूसरे पुलिस अफसरों को जेल भी जाना पड़ा, हालांकि कोर्ट ट्रायल के बाद अब जाकर पुलिस अफसरों को रिलीफ मिल रहा है। पुलिस बेडा तो खुश है, जनता भी दिनेश एमएन के डिस्चार्ज होने से काफी खुश है। इस दबंग अफसर को सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं दे रहे हैं। यहीं नहीं जयपुर के पर्यटन माफिया को दिनेश एमएन ने ही नेस्ताबूद किया। उन्होंने हर पर्यटन माफिया की जन्म कुण्डली बनाई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की। राजमार्गों और शहर के पर्यटन स्थलों पर सक्रिय लपकों की गुण्डागर्दी समाप्त की, साथ ही पर्यटकों की ठगी में लिप्त शोरुम संचालकों और उनके गुर्गों के खिलाफ भी अभियान चलाकर मामले दर्ज किए। दिनेश एमएन के समय ही जयपुर के पर्यटन माफियाओं और दूसरे संगठित अपराधों पर अकुंश लग पाया। करौली-उदयपुर आदि जिलों में रहते हुए दिनेश एमएन ने दबंगई से क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों और डकैतों पर लगाम कसी।

– बन सकते हैं जयपुर कमिश्नर
आईपीएस दिनेश एमएन के सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में डिस्चार्ज हो गए हैं। उनके अब अहम पद मिलने की संभावना है। चर्चा है कि वे जयपुर कमिश्नर भी बन सकते हैं। इस मामले में जमानत मिलने के बाद राजस्थान सरकार ने एसीबी और एसओजी में अहम जिम्मेदारी दी। दिनेश एमएन ने दोनों ही विंग में रहते हुए बखूबी काम किया। भ्रष्ट अफसरों को जेल पहुंचाया तो गैंगस्टर आनन्दपाल का खात्मा किया। दिनेश एमएन की दबंग और ईमानदार छवि को देखते हुए सरकार उन्हें जयपुर कमिश्नर बना सकती है।
-शुभचिंतकों ने दी बधाईयां
सीबीआई कोर्ट के डिस्चार्ज आदेश आते ही दिनेश एमएन को बधाई देने का तांता लग गया। पुलिस अफसरों, आईएएस, आरएएस, राजनेताओं, वकीलों, मित्रों और शुभचिंतकों ने दिनेश एमएन को शुभकामनाएं दी। लोगों ने गुलदस्ते भेंट किए और मिठाईयां खिलाई। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, डीजीपी अजीत सिंह व दूसरे अफसरों ने भी फोन पर बधाईयां दी। कोर्ट के फैसले से दिनेश एमएन भी खुश दिखे और उनके परिजन भी। इस एनकाउंटर में दिनेश एमएन को सात साल तक जेल में रहना पड़ा था। एनकाउंटर टीम में शामिल दूसरे पुलिस अफसर भी उनके साथ रहे। बाद में उन सभी को जमानत मिली।

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